यूपी की जेलों में पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए हनुमान चालीसा पढ़ेंगे कैदी, जेल मंत्री ने अफसरों को दिए निर्देश
लखनऊ। यूपी के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सूबे की जेलों में बंद कैदियों को हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए धार्मिक पुस्तक जेल में मुहैया कराने का आदेश दिया है। जेल मंत्री का कहना है कि जेल में बंद कैदी रामायण का सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़कर पर्सनालिटी डेवलपमेंट की बातें सीखेंगे। धर्मवीर प्रजापति के इस फैसले पर कांग्रेस के प्रदेश अजय राय ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि भाजपा के नेता और योगी सरकार के मंत्री लोगों की आस्था को इवेंट बनाने में जुट गए हैं। इसी के तहत कैदियों को हनुमान चालीसा पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। अजय राय के अनुसार जेल में बंद कैदी क्या खाएं और क्या पढ़ें, इसके लिए उन पर दबाव नहीं डालना चाहिए। किसी भी मंत्री को अपनी पसंद नापसंद दूसरे पर थोपना नहीं चाहिए।
विवाद पर बोले- हनुमानजी से बड़ा कोई गुरु नहीं
कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि भाजपा और योगी सरकार लोगों की धार्मिक आस्था को इवेंट बना रही है, यह ठीक नहीं है। कांग्रेस की आपत्ति पर जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि कैदियों को हनुमान चालीसा मुहैया कराने और उसे पढ़ने की सलाह देने के पीछे उनका कोई धार्मिक मकसद नहीं है, ना ही कोई बाउंडेशन है। चूंकि हनुमान जी से बेहतर व्यक्तित्व विकास का कोई गुरु नहीं हो सकता, इसलिए वह कैदियों से आग्रह करते हैं कि वह हनुमान जी को पढ़ कर और उससे समाज में बेहतर जीवन जीने का सलीका जरूर सीखें। किसी भी कैदी को इसके लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। जो पढ़ना चाहे वह पढ़े, जो ना पढ़ना चाहे, वह ना पढ़े। जो कोई कैदी हनुमान चालीसा पढ़ना चाहता है, उसे जेल में ही यह किताब मिलेगी, इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है, ताकि जब भी कोई कैदी इस तरह की धार्मिक पुस्तकों की मांग करें तो जेल की लाइब्रेरी से वह पुस्तक उसे उपलब्ध कराई जा सके। इस मामले को लेकर राजनीति करने की जरूरत नहीं है।