मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
नई दिल्ली। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी। विपक्ष सदन में प्रधानमंत्री के बयान को लेकर अड़ा हुआ है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करेंगे। निचले सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने यह प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि इस पर गुरुवार से ही चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की ओर से सामूहिक तौर पर लाया गया है। प्रस्ताव के पक्ष में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने समर्थन दिया है।
बीआरएस ने भी दिया प्रस्ताव :
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी लोकसभा में अपने नेता नमा नागेश्वर राव के माध्यम से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। ‘इंडिया’ के घटक दलों की मंगलवार को हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर फैसला हुआ था।
जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी : भाजपा
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर पूरा विश्वास है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री के पिछले कार्यकाल में भी यही किया था और जनता ने उसे सबक सिखाया था। इस बार फिर देश की जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी।
‘राजस्थान-बंगाल पर चर्चा क्यों नहीं करते’ बयान पर स्मृति ट्रोल :
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि मणिपुर पर चर्चा की मांग करने वाले पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर चर्चा क्यों नहीं चाहते हैं। उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि उनका बयान बचाव की मुद्रा वाला है।
अविश्वास प्रस्ताव से तीन बार गिरीं सरकारें :
वीपी सिंह, एचडी देवीगौड़ा और अटल बिहारी वाजपेयी ने अविश्वास प्रस्ताव के कारण अपनी सरकारें गंवाई।
तीन बार अविश्वास प्रस्ताव से पहले इस्तीफे :
मोरारजी भाई देसाई, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
मोदी के खिलाफ दूसरी बार :
2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। हालांकि, प्रस्ताव गिर गया। इसके समर्थन में 126, जबकि खिलाफ 325 मत पड़े थे।
मोदी की भविष्यवाणी वायरल :
20 जुलाई 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था, जो 12 घंटे बहस के बाद गिर गया था। इस प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए पीएम ने 7 फरवरी, 2019 को कहा था कि आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर से आपको अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े। अंहकार का परिणाम है कि कांग्रेस 400 से 40 पर आ गई।
कांग्रेस ने जारी किया था व्हिप :
कांग्रेस ने व्हिप जारी करके कहा था कि वे बुधवार को सुबह 10:30 बजे संसद भवन स्थित पार्टी संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें। विपक्ष की दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।