क्राइम ब्रांच को मिली क्रिमिनल ट्रैकिंग बायोमैट्रिक मशीनें
इंदौर। पुलिस को और हाईटेक बनाने के उद्देश्य से उन्हें क्रिमिनल ट्रैकिंग बायोमीट्रिक मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। इस मशीन के जरिए अब चौराहों पर भी अपराधी की आसानी से पहचान हो सकेगी। इंदौर पुलिस के साथ मिलकर सिटीजन कॉप द्वारा एक तकनीक विकसित की गई है। इसके उपयोग से अब पुलिस के लिए अपराधियों को पकडना और उनकी पहचान करना और आसान हो गया है।
9 माह तक ट्रायल
2022 में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा उक्त क्रिमिनल ट्रैकिंग बायोमेट्रिक मशीन को लांच किया गया था। शुरुआत में कुछ मशीनें ट्रायल के लिए लांच की गई थी। लगभग 9 महीने तक सफलतापूर्वक ट्रायल के बाद अब इंदौर के सभी पुलिस थानों और क्राइम ब्रांच सहित 40 क्रिमिनल ट्रैकिंग बायोमैट्रिक मशीन प्रदान की गई है। अब सड़कों पर खुलेआम घूमने वाले अपराधियों को पकड़ना बेहद आसान हो जाएगा।
खुलेआम घूमने से डरेंगे अपराधी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास आंतरिक कामकाज के लिए एक अलग ऐप है और सभी डेटा प्रविष्टि सुरक्षित पैनलों का उपयोग करके की गई है। जैसे-जैसे डेटा बढ़ता है यह सभी थाना कर्मचारियों और यहां तक कि यातायात अधिकारियों को भी उल्लंघनकर्ताओं और संदिग्ध व्यक्तियों के आपराधिक इतिहास को ट्रैक करने और उनका पता लगाने में मदद करेगा। इस तकनीक से खुलेआम घूम रहे अपराधियों में दहशत पैदा होगी। अपराधी शहर में खुलेआम घूमने से डरेंगे जिससे अपराध पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।
मशीन ऐसे करेगी काम
सिटीजन कॉप के संस्थापक राकेश जैन ने कहा कि इसे एक सुरक्षित प्लेटफार्म पर बनाया गया है। इस तरह के डेटा का उपयोग प्रतिबंधित है। ये इंदौर पुलिस अधिकारियों के नियंत्रण में रहेगा। केवल अधिकृत अधिकारी ही ऐसे बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग कर सकेंगे और ऐप का उपयोग कर सकेंगे। सिटीजन कॉप द्वारा विकसित तकनीक में बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही अपराधी के सभी रिकॉर्ड सामने आएंगे। ऐसे में पुलिसकर्मी जो अपराधी को नहीं पहचानते हैं, वे भी उसे पहचान कर पकड़ सकेंगे। चेकिंग प्वाइंट पर खड़े पुलिसकर्मी किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर सकेंगे। संभवत: यह पूरे देश में अपनी तरह की एक नई पहल है।