लोक सेवकों से प्राचार्य पदस्थापना को लेकर लिखित सहमति, असहमति ली जाएगी
ग्वालियर। लोक शिक्षण संचालनालय ने व्याख्याताओं को हाईस्कूल प्राचार्य और हाईस्कूल प्राचार्यों को हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य बनाने का आदेश जारी किया था, लेकिन इसका विरोध होने पर अब लोक शिक्षण के संचालक ने लोक सेवकों से प्राचार्य पद पर पदस्थापना को लेकर लिखित सहमति व असहमति लेने के आदेश जिला शिक्षाधिकारियों को जारी किए हैं। लोक सेवक 10 अगस्त को डीईओ ऑफिस पहुंचेंगे और दोपहर 2 बजे तक पदस्थापना को लेकर सहमति व असहमति देंगे। डीईओ आवेदन आने के बाद इसकी प्रविष्टि विमर्श पोर्टल पर करेंगे।
साथ ही जिन लोक सेवकों द्वारा पदस्थापना को लेकर सहमति या असहमति नहीं दी जाएगी, उन्हें लेकर यह माना जाएगा कि वह आवंटित पदस्थापना से संतुष्ट हैं। सहमति देने वालों के पदस्थापना के आदेश यथावत रहेंगे व असहमति वालोें व जिनके उच्च पद के आदेश जारी होना हैं, उनकी काउंसलिंग होगी और पदस्थापना के आदेश को निरस्त किया जाएगा। उच्च पद प्रभार के लिए काउंसलिंग 13 अगस्त को होगी।
पद नहीं होने पर आदेश निरस्त किया जाएगा
लोक शिक्षण ने कहा है कि व्याख्याता से हाईस्कूल प्राचार्य पद के प्रभार के संबंध में लोकसेवक जिन्होंने पदस्थापना स्थल के लिए सहमति दी है मगर उस पदस्थापना स्थल पर पूर्व से पदस्थ लोक सेवकों द्वारा उच्च पद प्रभार (प्राचार्य उमावि) के लिए असहमति व्यक्त की है तो व्याख्याता से हाईस्कूल प्राचार्य पद पर संबंधित पदस्थापना स्थल पर पद रिक्त नहीं होने पर उसका आदेश निरस्त किया जाएगा। ऐसे व्याख्याताओं का काउंसलिंग में अवसर दिया जाएगा। काउंसलिंग के लोक सेवकों की सूची अलग से जारी की जाएगी।