कुश्ती महासंघ निलंबित, आईओए को एडहॉक बॉडी बनाने के निर्देश
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। मंत्रालय ने इसका कामकाज देखने के लिए भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) को एडहॉक बॉडी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसी साल अप्रैल के महीने में आईओए ने एक तदर्थ समिति का गठन किया था। मंत्रालय ने कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है। वहीं नए अध्यक्ष संजय सिंह पर समय दिए बिना 28 दिसंबर को अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ का आरोप है। संजय सिंह ने यह आयोजन गोंडा के नंदिनी नगर में किए जाने की घोषणा की थी। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह गोंडा से ही सांसद हैं।
कुश्ती महासंघ के विवाद पर एक नजर
- जनवरी में पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए।
- बृजभूषण पर कार्रवाई नहीं होने से पहलवान 40 दिन धरने पर बैठे।
- कोर्ट के दखल के बाद बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
- तदर्थ समिति कुश्ती महासंघ का कामकाज देखती रही और 21 दिसंबर को चुनाव कराए।
- संजय सिंह गुट के कुश्ती महासंघ पर कब्जे के साथ ही फिर विरोध।
- संजय सिंह के विरोध में ओलंपियन साक्षी सिंह ने संन्यास और बजरंग पूनिया ने पद्म श्री लौटाया। ???? केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित किया।
- मंत्रालय ने आईओए को एडहॉक बॉडी गठित करने के निर्देश दिए।
- पहलवानों ने खेल मंत्रालय के फैसले पर संतोष जताया।
मैंने भी संन्यास ले लिया...
साक्षी ने संन्यास लिया, तो मैंने भी संन्यास ले लिया। मेरा रोल खत्म हो चुका है। मेरा लोकसभा का चुनाव आ रहा है, उसकी तैयारी करनी है। बाकी रही बात निलंबन की, तो नई कार्यकारिणी फैसला करेगी। - बृजभूषण शरण सिंह, पूर्व अध्यक्ष मैं तो μलाइट में था, मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। पहले मुझे पत्र देखना होगा, उसके बाद ही मैं कोई टिप्पणी करूंगा। मैंने सुना है कि हमारी कुछ गतिविधि रोक दी गई हैं। - संजय सिंह
मैंने अभी तक लिखित में कुछ भी नहीं देखा है। मुझे नहीं पता कि केवल संजय सिंह को निलंबित किया गया है या पूरी संस्था को निलंबित कर दिया गया है। हमारी लड़ाई सरकार से नहीं थी। हमारी लड़ाई महिला पहलवानों के लिए है। मैंने संन्यास की घोषणा कर दी है, लेकिन मैं चाहती हूं कि आने वाले पहलवानों को न्याय मिले। - साक्षी मलिक, पहलवान