कृषि उपज मंडी में कामकाज रहा ठप, हड़ताल पर रहे व्यापारी, जारी रहेगा विरोध

कृषि उपज मंडी में कामकाज रहा ठप, हड़ताल पर रहे व्यापारी, जारी रहेगा विरोध

जबलपुर। मप्र सकल अनाज दलहन व्यापारी महासंघ इंदौर के आव्हान पर प्रदेश की सभी मंडियों के साथ-साथ जबलपुर मंडी में भी सोमवार से अनिश्चितकालीन बंद रखा गया। जिसके तहत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सचिव कृषि उपज मंडी को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि एक तरफ वर्षा के अभाव में किसानों की फसल सूख रही है और सरकार जन आशीर्वाद यात्रा में लगी है। दूसरी तरफ व्यापारी भी शासन की नीतियों से परेशान है व्यापारी अपनी सर्विस शासन को देता है लाइसेंस के लिए शुल्क डिपॉजिट, फिर गोदाम के लिए भी शासन को पैसा ,फिर माल खरीदते ही मंडी शुल्क एवं निराश्रित फीस, अंत में आयकर विभाग को इनकम टैक्स एक व्यापारी अपने परिवार एवं मुनीम सहित कई हम्माल, मजदूरों का परिवार भी पालता है।मंडी टैक्स अन्य राज्यों की तुलना में मप्र में अधिक होने से व्यापारी परेशान होते हैं मगर सरकार केवल इस पर आश्वासन ही देती आई है। व्यापारी शासन से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं लेता है अपितु शासन को मुख्य आय का स्रोत एवं कर संग्राहक व्यापारी ही होता है।

ज्ञापन में कहा गया है कि एक तरफ शासन लोगों को मुफ्त में पैसे, घर आदि देता है मगर उन शासन की योजना का पैसा जिस व्यापारी से आता है उनके गोदाम की लीज नवीनीकरण के बारे में वह व्यापारी ही परेशान होता है।अगर व्यापारी लंबे समय तक हड़ताल पर रहते हैं तो किसान मजदूर हम्माल आदि सहित अंचल का अन्य व्यापार भी प्रभावित होगा।अभी वर्तमान में मंडी में जबकि आवक का कम समय होता है फिर भी मंडी में प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपए का जो व्यापार होता था, उसका नुकसान है एवं प्रतिदिन मंडी शुल्क में भी 4 से 5 लाख रुपए की आमदनी हो सकती थी उसका भी नुकसान शासन को हो रहा है।

आश्वासनों से थक चुके व्यापारी

जबलपुर अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ के सचिव रितेश अग्रवाल का कहना है कि कोरे आश्वासन से अब देश का छोटा व्यापारी थक चुका है जिस दिन सिस्टम से यह वर्ग हट जाएगा उस दिन देश में हाहाकार मच जाएगा जिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों को यह सरकार गोद में बैठाकर पाल रही है तब यही लोग भस्मासुर की तरह पूरे देश को हजम कर लेंगे और कोई कुछ न कर पाएगा।अत: प्रशासन से निवेदन है कि व्यापारियों की उचित मांग पर कार्रवाई करते हुए कदम उठाएं शासन को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि व्यापार बचेगा तो ही व्यापारी भी बचेगा।