राधा-कृष्ण फाग यात्रा में महिलाएं शामिल
इंदौर। रंगोत्सव के चलते रविवार को शहर में फाग यात्राएं निकलीं। राधा-कृष्ण रासरंग फाग यात्रा बाणगंगा क्षेत्र में निकाली गई। जिसमें आदिवासी, राजस्थानी एवं छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी गई। नरसिंह बाजार से शुरू हुई हिन्द रक्षक की फाग यात्रा में रथ खींचती महिलाओं ने राधा-कृष्ण की भक्ति की मानो गंगा ही बहा दी।
बाणेश्वरी फाग यात्रा का शुभारंभ कुशवाह नगर राम मंदिर पर पूजा-अर्चना के साथ हुआ। यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला के अनुसार फाग यात्रा में दो रथ आकर्षण का केंद्र रहे। इन पर सवार होकर राधा-कृष्ण एवं भोले भंडारी ने भक्तों पर सूखे रंगों और गुलाल की बौछार की। यात्रा में राधा-कृष्ण के रथ को महिलाएं खींचते हुए चलीं। मार्ग में दो मिसाइलों से चार सौ फीट की दूरी एवं ऊंचाई तक सूखे और सुगंधित रंगों की वर्षा की गई। खुले वाहन पर सवार होकर वृंदावन के मुकेशानंद महाराज एवं छोटे पागल बाबा श्रीधर झरकर भजन एवं फाग गीतों की प्रस्तुतियां देते चल रहे थे।
आरती कुंजबिहारी की... से शुरू हुई फाग यात्रा
नरसिंह बाजार से शुरू हुई हिन्द रक्षक की फाग यात्रा ने राधा-कृष्ण की भक्ति की गंगा ही बहा दी। बद्रीनारायण मंदिर पर लगे मंच से भगवान की आरती के पश्चात यात्रा शुरू हुई। संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ के अनुसार रथ पर भगवान राधा-कृष्ण आरती हुई। रथ में सवार राधा-कृष्ण की मूर्ति को युवाओं की टोली खींचते हुए चली। हजारों महिलाएं फाग यात्रा में शामिल हुई । उनके लिए बनाए सुरक्षा घेरे की कमान भी महिलाओं के हाथों में थी। यात्रा में टेसू के फूलों से बने रंग व अरारोट से बने गुलाल का प्रयोग किया गया।
मां जगदंबा के साथ फूलों की होली
श्रीविद्याधाम पर मां राज राजेश्वरी जगदंबा के साथ प्राकृतिक रंगों और अरारोट युक्त गुलाल से भक्तों ने होली खेली। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य में विभिन्न किस्म के फूलों की वर्षा कर रंगोत्सव की बधाई दी गई। महिलाओं ने मां के समक्ष फाग नृत्य किए। दो घंटे चले इस उत्सव में किसी भी तरह से पानी का प्रयोग नहीं किया गया। सरयूपारीण ब्राह्मण समाज की सत्यभामा शुक्ला एवं कल्पना पांडेय ने बताया कि समाज की महिलाओं का होली मिलन 19 मार्च को मनाया जाएगा।