अधिकारी बनने का सपना लिए 103 केंद्रों पर पहुंच 40 हजार अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
इंदौर। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा रविवार को आयोजित की गई। प्रदेशभर में आयोग ने दो लाख तीस हजार अभ्यर्थियों के लिए 605 केंद्र बनाए थे। सबसे ज्यादा परीक्षा केंद्र इंदौर शहर में 103 स्थान पर बनाए गए। केवल इंदौर में 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए। 73.5 प्रतिशत अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। संभाग और प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पर्यवेक्षक मौजूद थे। इसमें रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और न्यायाधीशों की सेवाएं ली गईं। पहली बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छह विभागों को केंद्र बनाया है। आईईटी, आईआईपीएस, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, कम्प्यूटर साइंस, ईएमआरसी शामिल हैं।
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2023 की अधिसूचना जारी की गई। आठ विभागों के 227 रिक्त पदों के लिए परीक्षा करवाई जा रही है। परीक्षा दो सत्र में हुई, जो सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक सामान्य अध्ययन और दोपहर 2.15 से शाम 4.15 बजे तक सामान्य अभिरुचि परीक्षण का पेपर हुआ। परीक्षा के लिए सरकारी-निजी कॉलेजों को केंद्र बनाया है। परीक्षा केंद्र के बाहर एमपीपीएससी के छात्रों को सुबह ठिठुरते हुए प्रवेश का इंतजार करते हुए देखा गया। खासकर आर्ट एंड कॉमर्स, होलकर कॉलेज, गुजराती कॉलेज के साथ बायपास और उज्जैन रोड के कॉलेजों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया। एमपीपीएससी के डॉ. पंचभाई पटेल ने बताया कि परीक्षा की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए हर परीक्षा केंद्र पर पर्यवेक्षकों से कनेक्टिविटी लगातार बनी रही। परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों को दिक्कत न हो, इसके लिए विशेष ध्यान रखा गया। सुबह 10 बजे शुरू हुई परीक्षा के लिए 8 बजे से परीक्षार्थियों का पहुंचना शुरू हो गया था।
केंद्रों पर सख्त चेकिंग
परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, मोबाइल आदि प्रतिबंधित थे। परीक्षा केंद्र पर पहुंचे अभ्यर्थियों को जूते भी बाहर ही रखना पड़े। सबसे ज्यादा दिक्कत तो हॉफ स्लीव शर्ट को लेकर रही।
दो दिन बाद जारी होगी आंसरशीट
एमपीपीएससी के डॉ. पंचभाई पटेल ने बताया कि राज्य प्रारंभिक परीक्षा की दो दिन बाद आंसरशीट जारी की जाएगी। संभवत: 15 दिन बाद फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इसके पश्चात नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एक से डेढ़ माह का समय लगेगा।