प्रकृति की गोद में जगाएंगे संस्कृति बचाने की अलख

प्रकृति की गोद में जगाएंगे संस्कृति बचाने की अलख

जबलपुर। प्रकृति की गोद में संस्कृति को बचाने की अलख जगाने के लिए प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर सांस्कृतिक वन तैयार किए जाएंगे। योजना के पहले फेज में उन चार शहरों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां पर सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। बताया जाता है कि जिन चार शहरों में सांस्कृतिक वन तैयार होना है उनमें सबसे पहले उज्जैन, खजुराहो, चित्रकूट व भोपाल को शामिल किया गया है। 1 अप्रैल से इन वनों को तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया जाएगा।

एक वन पर खर्च होंगे 8 से 10 करोड़ रुपए : सांस्कृतिक वन उन शहरों की संस्कृति पर आधारित होगा, जिसमें उनके यहां इतिहास और विशेषता समाहित होगी। वन को थीम बेस पर तैयार कराया जाएगा। इसमें एक वन को तैयार करने करीब 8 से 10 करोड़ रुपए तक खर्च होंगे।

डीएफओ, सीसीएफ करेंगे मॉनीटरिंग

सांस्कृतिक वनों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी इन जिलों के डीएफओ व सीसीएफ स्तर के अधिकारी करेंगे। इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है।

प्रदेश के चार शहर उज्जैन, खजुराहो, चित्रकूट और भोपाल में सांस्कृतिक वन बनाए जाने हैं। इसके लिए 1 अप्रैल से काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा और लोग उस जिले की संस्कृति से परिचित होंगे। -यूके सुबुद्धि, एपीसीसीएफ विकास, वन मुख्यालय, भोपाल