इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित क्यों नहीं?

इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित क्यों नहीं?

इंदौर। इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित करने के प्रस्ताव को पलटने के सरकार के निर्णय के खिलाफ इंदौर हाईकोर्ट में दायर याचिका की मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिका टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन ने दायर की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह जानना चाहा कि क्या ट्रिब्यूनल से जुड़े सबसे ज्यादा प्रकरण और काम इंदौर से जुड़े होंगे। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हां में जवाब दिया। साथ ही कोर्ट को बताया कि यही वजह है कि पहले सरकार ने भी इंदौर को ही प्राथमिकता दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य के जिम्मेदारों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, जीएसटी काउंसिल, मप्र वाणिज्यिक कर विभाग और आयुक्त राज्य कर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इंदौर में सबसे ज्यादा जीएसटी पंजीकृत कारोबारी हैं। सबसे ज्यादा राजस्व भी इंदौर देता है।

2021 में बदला निर्णय

2019 में राज्य शासन ने भी जीएसटी काउंसिल में प्रस्ताव भेजा था कि जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल इंदौर में स्थापित हो। 2021 में इस प्रस्ताव को बदल दिया गया और काउंसिल के सामने इंदौर के बजाय भोपाल का नाम प्रस्तावित कर दिया गया। याचिका में इसे करदाताओं की परेशानी बढ़ाने वाला निर्णय बताया। कोर्ट के सामने यह भी बिंदु रखा कि छग जैसे छोटे राज्य में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की दो बेंच हैं।

निगम में भी हुई मीटिंग

कमेटी फॉर जीएसटी ट्रिब्यूनल एट इंदौर की मीटिंग नगर निगम मुख्यालय पर संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के मेंटर एवं संरक्षक महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने करते हुए कहा कि चूंकि ट्रिब्यूनल की स्थापना राज्य सरकार की अनुशंसा से ही होती है, अत: वे इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर राज्य सरकार से वित्त मंत्रालय एवं विधि मंत्रालय को अनुशंसा भिजवाने का प्रयास करेंगे।