बिटिया का जन्म हुआ तो ढोल-ताशे बजे, वाहनों के काफिले के साथ लाए घर

बिटिया का जन्म हुआ तो ढोल-ताशे बजे, वाहनों के काफिले के साथ लाए घर

ग्वालियर। वर्तमान परिवेश में समाज की धारा बदल रही है इसीलिए बेटियों के जन्म पर घरों में बधाई गीत गाए जाने लगे हैं और अस्पताल से घर तक बेटी की पद रज के लिए लालायित परिजन अगवानी के लिए रेड कार्पेट वेलकम करने से भी नहीं चूके। सजे-धजे चार पहिया वाहनों का काफिला देखकर शायद ही कोई यह अंदाज लगा पाए ऋषभ राय के घर लक्ष्मी, सरस्वती और अन्नपूर्णा का आगमन हुआ है इसलिए चारों ओर खुशी बिखरी हुई है।

3 मार्च 2023 को ऋषभ राय पुत्र शिवशंकर राय निवासी घासमंडी ग्वालियर की धर्मपत्नी रिया राय ने नन्हीं सी परी को जन्म दिया तो परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बड़ी बेसब्री से बेटी के जन्म की प्रतीक्षा हो रही थी और बेटी के जन्म की खबर ने ऋषभ के परिवार को खुशियों से भर दिया। पत्नी के साथ बेटी जब अस्पताल से निकलकर आई तो शायद किसी ने कल्पना नहीं की होगी, इस लाड़ली का यूं शाही अंदाज में वेलकम किया जाएगा। नन्हीं बालिका के स्वागत में वेलकम बेबी लिखी वंदनवार टांगी गई थी। ऋषभ कहते हैं कि बिटिया का नामकरण वे अपनी मां भारती राय के नाम पर करेंगे।

ढोल-ताशे और कारों का काफिला

बिटिया घर आई तो घर पर ढोल-ताशे बजाकर उसका स्वागत किया, लेकिन सबसे अनूठी बात यह थी कि अस्पताल से घर तक लाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि चार पहिया गाड़ियों की रेल बनी हुई थी। पीपुल्स समाचार से चर्चा में ऋषभ कहते हैं कि हमारे परिवारीजनों की इच्छा थी कि मेरी पत्नी पहले बेटी को जन्म दे और भगवान ने सभी की मनोकामना पूरी कर दी। पहली बिटिया पाकर उसकी मां रिया भी बेहद खुश है। ऋषभ कहते हैं कि उनकी शादी गत 11 मई 2022 को रिया राय के साथ हुई थी। समाज में अब बेटियों के जन्म को किसी उत्सव से कम नहीं आंक रहे। हालांकि लोगों की यह तमन्ना रहती है कि पहला बेटा हो लेकिन अब यह सिर्फ दकियानूसी बातें रह गईं हैं। समाज भी अंगीकार कर रहा है कि बेटी के जन्म पर उसका स्वागत धूमधाम से होना ही चाहिए।