मैं आज जो भी हूं उसमें जबलपुर और बार एसोसिएशन का योगदान अविस्मरणीय

मैं आज जो भी हूं उसमें जबलपुर और बार एसोसिएशन का योगदान अविस्मरणीय

जबलपुर। आज मैं जो कुछ भी हूं उसमें जबलपुर और मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का अविस्मरणीय योगदान है। जबलपुर मेरा घर है, जिसे कभी नहीं भुला सकता। मां नर्मदा और संस्कारधानी को मेरा प्रणाम है। उक्त बातें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सिल्वर जुबली आदर्श सभागार में अपने सम्मान में आयोजित समारोह पर कहीं। इस दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ, वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी अग्रवाल, अनिल खरे, असिस्टेंट सालिसिटर जनरल आफ इंडिया पुष्पेंद्र यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह, स्टेट बार काउंसिल के सदस्य शैलेंद्र वर्मा गुड्डा, हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष संजय वर्मा व सचिव परितोष त्रिवेदी मंचासीन रहे।

जस्टिस श्री मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कई वर्षों बाद जबलपुर आकर आनंदित हूं। संस्कारधानी की माटी व पुण्य सलिला नर्मदा को शत-शत नमन करता हूं। मैं जबलपुर से बेहद प्रेम करता हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां वकालत के शुरूआती 11 महत्वपूर्ण वर्ष गुजारे थे। इसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट चला गया। वहां बार एसोसिएशन, बार कौंसिल में निर्वाचित हुआ और उसके बाद महाधिवक्ता बना। इसके बाद हाईकोर्ट जज नियुक्त हुआ। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। आगे चलकर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बना। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट जज हूं। प्रत्येक मुकाम पर पाया कि जब भी मैंने अपना परिचय जबलपुर से शुरूआत करने वाले वकील के रूप में दिया, सामने वालों ने प्रशंसा के भाव से कहा कि अच्छा आपने जबलपुर से वकालत शुरू की थी। इससे साफ है कि जबलपुर बार देश भर में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

बार एसोसिएशन न्यायपालिका की जननी: वर्मा

हाईकोर्ट बार अध्यक्ष संजय वर्मा ने स्वागत उद्बोधन में जस्टिस प्रशांत मिश्रा का परिचय देते हुए उनके व्यक्तित्व की जानकारी दी। श्री वर्मा ने कहा कि बार एसोसिएशन ही न्यायपालिका की जननी होती है। इसलिए न्यायमूर्ति मिश्रा का जबलपुर बार से गहरा नाता है और उनका स्नेह व मार्ग दर्शन हमेशा ही हमें मिलता रहेगा।

ब्यौहार व पांडे ने अपनी पुस्तकें भेंट कीं

इस दौरान अधिवक्ता एनसी ब्यौहार व विवेक रंजन पांडे ने विधि संबंधी अपनी पुस्तकें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा को भेंट कीं। जिसके बाद जस्टिस मिश्रा ने शाल-श्रीफल से दोनों लेखकों को अलंकृत किया। अंत में हाईकोर्ट बार ने जस्टिस मिश्रा को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू, जीएस आहलूवालिया सहित सभी न्यायाधीश व हाईकोर्ट बार के पदाधिकारी और काफी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे। सभी ने स्टैंडिंग ओवेशन के जरिये न्यायमूर्ति मिश्रा के प्रति सम्मान प्रकट किया। स्टेट बार सदस्य मृगेंद्र सिंह सहित अन्य ने न्यायमूर्ति मिश्रा के सम्मान में अपने वक्तव्य दिए। संचालन हाईकोर्ट बार सचिव परितोष त्रिवेदी ने किया।