हियरिंग एड पहनने से 48% कम हो जाता है डिमेंशिया का जोखिम
न्यूयॉर्क। ऐसे लोग जिन्हें डिमेंशिया होने का जोखिम होता है, वे यदि कान में हियरिंग एड (श्रवण यंत्र) पहनें तो उनमें मानसिक गिरावट की संभावना 48 प्रतिशत कम हो सकती है। जिन लोगों को सुनाई कम देता है, उन्हें न्यूरोजेनेरेटिव डिजीज जैसे डिमेंशिया होने का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन, अभी तक यह अस्पष्ट था कि यह डिमेंशिया होने का संकेत है या उसका कारण है। अब दो हजार वयस्कों पर अमेरिका के द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि ऐसे लोग जिन्हें यह रोग होने की संभावना थी, उनके द्वारा तीन वर्ष तक हियरिंग डिवाइस पहनने से उनमें डिमेंशिया होने का जोखित 48 प्रतिशत तक कम हो गया।
सुनने में समस्या का इलाज कर रोके जा सकते हैं 8 फीसदी मामले : विशेषज्ञों का अनुमान है कि सुनने में समस्या का इलाज कर डिमेंशिया के 8 प्रतिशत मामले रोके जा सकते हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रैंक लिन का कहना है कि अध्ययन के ये नतीजे इस बात के तगड़े साक्ष्य हैं कि सुनाई नहीं देने से संबंधित समस्याओं का इलाज करके डिमेंशिया रोग को रोका या टाला जा सकता है। इससे पूर्व भी एक अध्ययन 70 से 84 वर्ष की उम्र समूह के लोगों पर किया गया था, जिसमें मानसिक रोगों को भी उत्तरदायी माना गया था।
म्र बढ़ने के साथ बढ़ती ही जाती है यह समस्या
अमेरिका में 60 वर्ष से अधिक उम्र के हर तीन में से एक व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित होता है। ब्रिटेन में भी कमोबेश यही हालात हैं। लेकिन शर्म के कारण बहुत से लोग श्रवण यंत्र पहनने से परहेज करते हैं।
मस्तिष्क की क्षमता में तेजी से आती है गिरावट लांसेट में प्रकाशित पूर्व अध्ययन के अनुसार, श्रवणहीनता के कारण मस्तिष्क की क्षमता में तेजी से गिरावट आती है, साथ ही व्यक्ति अकेलेपन का भी शिकार हो जाता है। मानसिक रोग बढ़ने में यह भी प्रमुख कारण है।
वृद्धजनों की मानसिक समस्याओं में सेंसरी एबनॉर्मलिटीज की एक बड़ी भूमिका होती है। इस उम्र के लोगों में साइकोसिस, डिप्रेशन या डिमेंशिया सभी में हम श्रवण शक्ति के बारे में जरूर पूछताछ करते हैं। अक्सर ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। डिमेंशिया के मामलों में हियरिंग एड से कुछ मदद मिलती है। - सत्यकान्त त्रिवेदी वरिष्ठ मनोचिकित्सक, भोपाल