वीयू दवा कंपनियों को ड्रग ट्रॉयल के लिए ब्रीडिंग कर देगा एनिमल
जबलपुर। दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों को ड्रग ट्रायल के लिए एनिमल प्रदेश से ही मिल पाएंगे। ये एनिमल नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के अंतर्गत संचालित वेटरनरी कॉलेज की सेंट्रल लेबोट्ररी एनिमल हाउस देगी। इसके साथ ही वीयू प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान है, जिसे मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार की कमेटी फॉर कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरीमेंट ऑन एनिमल द्वारा लायसेंस प्रदान किया गया है।
कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं एनिमल हाउस की प्रभारी डॉ. अमिता दुबे ने बताया कि एनिमल हाउस से जिन फार्मा कंपनियों से ट्रायल के लिए एनिमल की डिमांड आएगी, उन्हें एक माह पहले बताना होगा। उन्हें एनिमल ऑन ऑर्डर दिए जाएंगे। ये एनिमल सिर्फ उन्हीं फार्मा कंपनियों को दिए जाएंगे, जो कि सीसीएसई से सर्टिफाइड है। उनकी डिमांड पर यह सर्टिफिकेट भी अनिवार्य होगा।
अभी 5 प्रजाति बुलाएंगे : डॉ. अमिता ने बताया कि लायसेंस से हम खुद भी बड़े जानवरों में होने वाली बीमारियों का अध्ययन कर सकेंगे। साथ ही सीसीएसई नई दिल्ली के सर्टिफाइड ब्रीडर संस्थान हैदराबाद, पुणे व अहमदाबाद से पांच प्रजातियों को लिया जाएगा। इसमें सफेद खरगोश, गिनी पिग, हेनस्टर व चूहा शामिल है।
दो साल से चल रही थी कवायद : कॉलेज के डीन डॉ. आरके शर्मा ने बताया कि निश्चित ही यह लायसेंस मिलना हम सभी के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए हमारे कुलपति के निर्देशन में दो साल से कवायद चल रही थी।
विश्वविद्यालय को ब्रीडिंग फॉर ट्रेड एवं कमर्शियल रिसर्च के लिए यह लायसेंस मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। एनिमल में रिसर्च से लेकर फार्मा कम्पनियों को ट्रायल के लिए हम एनिमल उपलब्ध करा पाएंगे इससे विवि का विस्तार होगा। - डॉ. एसपी तिवारी, कुलपति, वीयू