मप्र की चुनावी जंग में अप्रत्याशित उलटफेर करेंगे ‘वोट कटवा’ प्रत्याशी
भोपाल। मध्यप्रदेश में मिशन 2023 का शंखनाद होते ही भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य सियासी दल भी चुनावी मैदान में कमर कस चुके हैं। तैयारियों और प्रचार-प्रसार से लेकर 79 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर भाजपा बढ़त बनाए हुए है। चुनावी जंग में कांग्रेस ने भले ही अपने पत्ते न खोले हों लेकिन उसकी राह में बारूद बिछाने वाले दल और प्रत्याशियों ने मोर्चा संभाल लिया है। ये कैंडिडेट भले ही अपनी जीत का परचम न फहरा पाएं लेकिन ‘वोट कटवा’ के रूप में कई लोगों की जीती हुई बाजी पलटने की भूमिका निभाएंगे। पिछले साल निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से सिंगरौली, बुरहानपुर और उज्जैन में चौंकाने वाले नतीजे आ चुके हैं। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने रणनीतिक तौर पर सस्पेंस बनाए रखा है। बसपा और गोंगपा ने अपने चुनावी गठबंधन का ऐलान कर दिया है। सपा के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी है। जयस भी आदिवासी अंचलों में ताल ठोक रही है।
नगम चुनाव में खेल बिगाड़ चुकी है ओवैसी की पार्टी
महापौर चुनाव में एआईएमआईएम ने भले ही प्रदेश में एक भी सीट न जीती हो लेकिन उसकी मौजूदगी ने बुरहानपुर में कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। यही स्थिति उज्जैन में भी दिखी वोट विभाजन के चलते सियासी गणित बदल गया। कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही इसका नुकसान उठाना पड़ा। उधर सिंगरौली में महापौर चुनाव जीतकर आम आदमी पार्टी अब गुजरात की तर्ज पर मध्यप्रदेश विधानसभा में भी खाता खोलने की तैयारी में है।
‘आप’: आत्मविश्वास आसमान पर, कांग्रेस का विकल्प बता रही
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निकाय चुनाव में 6 फीसदी वोट लेकर ‘आप’ का आत्मविश्वास आसमान पर है। ‘आप’ पंजाब और दिल्ली में स्वयं को कांग्रेस का विकल्प बता रही है। मप्र में भी वह कांग्रेस के वोटबैंक में सेंधमारी के प्रयास में है। जाहिर है, उसके प्रत्याशी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे। गुजरात में 13 फीसदी वोट लेकर रुतबा बढ़ा चुकी है। इंडिया गठबंधन में भले ही ये दल एक साथ हों लेकिन विस चुनाव में आमने-सामने हैं।
सपा की जोर-शोर से तैयारी
समाजवादी पार्टी इस बार भी कई क्षेत्रों में जोर-शोर से मैदानी तैयारी में है। उसका दावा है कि पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतकर आएगी। पिछले चुनाव में उसने 52 उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से बिजावर में राजेश शुक्ला ने जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनाव में सपा को कुल 5 लाख वोट (1.8 फीसदी) वोट मिले थे।
बसपा-गोंगपा: नए समीकरण
बसपा और गोंगपा ने नई रणनीति के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 178 पर बसपा और 52 सीटों पर गोंगपा प्रत्याशी मैदान में होंगे। जाहिर है उसकी मौजूदगी अजा, अजजा और मुस्लिम बहुल कई सीटों पर गुल खिलाएगी। पिछले चुनाव में बसपा ने प्रदेश की 227 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। संजीव कुशवाह -भिंड और राम बाई परिहार ने पथरिया सीट पर बसपा की जीत दिलाई थी। 202 सीटों पर जमानत जब्त हुई लेकिन कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया। वोट शेयर के मामले में वह प्रदेश की तीसरी ताकत (5 फीसदी वोट) बनकर उभरी। उसे कुल 19 लाख 11 हजार 642 वोट मिले थे।
गठबंधन दिखाएगा कमाल इस बार सत्ता की चाबी बसपा के हाथ में रहेगी। बसपा-गोंगपा का गठबंधन कमाल दिखाएगा। हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और कई सीटों पर जीतकर आएंगे। भाजपा और कांग्रेस के कई नेता भी पार्टी ज्वाइन कर चुके है। -रमाकांत पिप्पल ,अध्यक्ष,बसपा मप्र.
बिकाऊ घोड़े होंगे बाहर यह प्रदेश की अस्मिता को समर्पित चुनाव है, जनता सभी चेहरों को पहचान चुकी है। जो लोग भाजपा के हाथों की कठपुतली बनते हैं ऐसे बिकाऊ घोड़ों को जनता अस्तबल से बाहर कर देगी। - केके मिश्रा ,प्रवक्ता ,मप्र कांग्रेस