स्वयंसेवकों ने टीबी से बचाव और उपचार की दी जानकारी
जर्मन चिकित्सक सूक्ष्म जीव विज्ञानी रॉर्बट कोच ने 24 मार्च 1982 को क्षय रोग जैसे घातक बीमारी के कारण बैक्टीरिया की खोज की जो कि टीबी के निदान और उपचार में बहुत मददगार था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पीपुल्स विश्वविद्यालय की इकाई पीपुल्स कॉलेज आफ पैरामेडिकल साइंसेज के एनएसएस के स्वयंसेवकों ने क्षय रोग पर एक साप्ताहिक कार्यक्रम की योजना के अंतर्गत जागरूकता अभियान आयोजित किया। उन्होंने सभी वर्गों के लोगों को टीबी के लक्षण, बचाव एवं टीबी उन्मूलन संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता में विकास गौर प्रथम और तिलक धारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस विषय पर आयोजित सेमिनार में पल्मोनरी विभाग के प्रो. डॉ. संजय टंडन ने क्षय रोग परीक्षण की आधुनिक तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी।
शंकाएं दूर करने में सफल रहे :
एनएसएस छात्र इकाई के स्वयंसेवक मोहित पटेल ने बताया कि टीबी के प्रति लोगों की शंकाएं दूर कर उन्हें समय रहते इलाज कराने हेतु प्रेरित किया। एनएसएस छात्रा इकाई की स्वयंसेवक वैशाली गहलोट ने कहा कि लोग टीबी और उसके उपचार के बारे में जागरूक नहीं थे हमने उन्हें क्षय रोग के इलाज बचाव लक्षण के बारे में सफलतापूर्वक जागरूक किया।