मणिपुर में 12 दिन बाद फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में 3 कुकी की मौत

मैतई उपद्रवियों का गांव की सुरक्षा कर रहे लोगों पर हमला

मणिपुर में 12 दिन बाद फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में 3 कुकी की मौत

इंफाल। पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद हिंसाग्रस्त मणिपुर में शुक्रवार सुबह एक बार फिर हिंसा भड़क गई। सूत्रों के मुताबिक, सुबह करीब 5:30 बजे उखरुल जिले के लिटन पुलिस स्टेशन के अंतर्गत थवई कुकी गांव में संदिग्ध मैतेई सशस्त्र बदमाशों और कुकी स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें तीन कुकी लोगों के मारे जाने की खबर है। बीएसएफ सहित सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बताई गई है। सूत्रों के मुताबिक, मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। बता दें कि मणिपुर में 3 मई से हिंसा भड़की हुई है। इसमें अब तक 163 लोग मारे जा चुके हैं, हजारों लोगों ने पलायन किया है।

मैतेई आबादी से काफी दूर है हिंसा वाला गांव

गांव जहां पर गोलीबारी की घटना हुई है वो मैतेई आबादी क्षेत्र से काफी दूर स्थित है। निकटतम मैतेई निवास यिंगांगपोकपी में है, जो घटना स्थल से 10 किलोमीटर से ज्यादा दूर है। बताया जा रहा है कि घटनास्थल से 37 बीएन बीएसएफ (महादेव) करीब पांच से छह किलोमीटर दूर है। जानकारी के अनुसार घटना के बाद बीएसएफ सहित अन्य सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं।

कई जिलों से हथियार और गोला-बारूद बरामद

सुरक्षाबल शांति व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सुरक्षा बलों ने राज्य व्यापी अभियान चला रखा है। सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हिंसा प्रभावित कई जिलों से 8 हथियार, 112 कारतूस और छह बम बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि यह बरामदगी बुधवार- गुरुवार को बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, कांगपोकपी और इंफाल वेस्ट जिलों से की गई।

सुप्रीम कोर्ट 13 अक्टूबर को सुनेगा रेप पीड़ित की याचिका :

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस महिला की याचिका पर सुनवाई की, जिसने दावा किया था कि भीड़ ने उसके कपड़े फाड़ दिए और उसकी परेड निकाली। लेकिन राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस उसकी मदद के लिए नहीं आई। इस मामले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।

आरक्षण देने की मांग कर रहा मैतेई समुदाय :

मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है, लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं, कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है।