सतर्कता संकाय ने की कार्रवाई... बिजली चोरी, अनियमितता के बने हजारों प्रकरण
इंदौर। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जारी वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रैल से दिसंबर की अवधि में पंद्रह हजार से ज्यादा बिजली चोरी, अनियमितता के प्रकरण बनाए हैं। ये प्रकरण सतर्कता संकाय और संचारण, संधारण की टीमों द्वारा बनाए गए हैं। इंदौर से ज्यादा प्रकरण उज्जैन संभाग में बने हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि इंदौर जिले में 3500 प्रकरण बने हैं। इसी तरह उज्जैन जिले में 2500, मंदसौर में 1960, रतलाम में 1530, धार में 770, खरगोन में 740, देवास में 735 प्रकरण बने हैं। इंदौर राजस्व संभाग में कुल 7200 और उज्जैन राजस्व संभाग क्षेत्र में 8000 से ज्यादा प्रकरण बने हैं।
ये प्रकरण विद्युत घर परिसरों में मीटर के पास छेड़छाड़ व अन्य तरीकों से की गई चोरी, खुल तारों से सीधे तार डालकर चोरी के साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कम लोड मंजूर कराकर ज्यादा लोड पर व्यापार करने व अन्य प्रकार से की गई अनियमितता पाए जाने पर दर्ज हुए हैं। इन पर धारा 126, 138 और धारा 135 के तहत कार्रवाई चलन में हैं। विद्युत चोरी अनियमितता पाए जाने पर उपभोक्ता, आरोपी को दो वर्ष तक की खपत, अन्य चार्ज जोड़ने के आधार पर भुगतान करना होता है। तोमर ने उपभोक्ताओं से नियमानुसार बिजली उपयोग करने, एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों से सही लोड मंजूर कराने के उपरांत कारोबार करने की अपील की है।