श्वानों से लेकर बकरी, मुर्गी तक हीट स्ट्रोक के शिकार
जबलपुर। नौ-तपा के बाद भी लगातार बढ़ रही गर्मी का असर अब पशुओं की सेहत भी बिगाड़ रहा है। पशुओं में सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक से पीड़ितों में श्वानों की संख्या सबसे अधिक है। हालांकि श्वानों के साथ बकरी और मुर्गी तक इसकी चपेट में है लेकिन संख्या कम बताई जा रही है। वेटरनरी कॉलेज के वरिष्ठ पशु चिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि मेडिसन ओपीडी में इन दिनों रोजाना करीब 45- 50 पशु बीमार आ रहे हैं। इनमें हीटस्ट्रोक से पीड़ित पशुओं में विदेशी नस्ल श्वानों (पग, मेस्टिफ, जर्मन शेर्फड) की संख्या देशी श्वानों से ज्यादा है। करीब 10 से 15 प्रतिशत रोज हीटस्ट्रोक के केस हॉस्पिटल में देखने को मिल रहे हैं। वहीं बकरी और पक्षियों में तोते व मुर्गी की संख्या कम है।
कैसे करे गर्मी में पालतू पशुओं की देखभाल
अस्पताल अधीक्षक डॉ. रणवीर जाटव ने बताया गर्मी में हीट स्ट्रोक के केस सबसे ज्यादा आते हैं। इन दिनों रोजाना ये केस हॉस्पिटल में बढ़ रहे हैं इनमें श्वानों और बकरी के केस अधिक है। पशुओं की देखभाल के लिए पशु पालकों को इन दिनों विशेषतौर पर सर्द-गर्म से उन्हें बचाना चाहिए। बढ़ते तापमान के बीच पशुओं को खुली धूप में छोड़ना उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कई बार पशुओं के प्रति बरती गई लापरवाही उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
इन लक्षणों पर दें ध्यान
हीट स्ट्रोक के दौरान आपके पालतू पशु में अत्यधिक हांफना, हृदय गति में वृद्धि और लार टपकने के साथ उसके शरीर का तापमान बढ़ना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे में अपने पशु को पालक पशु के शरीर पर गीली पट्टी भी रख सकते है जिससे पशु के शरीर तापमान को कम किया जा सके। साथ ही बिना देर किए पशु चिकित्सक के पास उसे उपचार के लिए ले जाना चाहिए।
प्राथमिक उपचार की सामग्री घर पर रखें
प्राथमिक उपचार की समाग्री जैसे थर्मामीटर, जरूरी दवाइयां जैसे उल्टी, दस्त, बुखार, चोट आदि की दवाइयां पशु चिकित्सक की सलाह से अपने पास रखना चाहिए व बीमारी की स्थिति में पशुचिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
जानवरों को बंद कार में कभी ना छोड़े
पशुचिकित्सकों का कहना है अपने पालतू पशुओं को बंद कार में कभी ना रखें क्योंकि इससे हीटस्ट्रोक और घुटन हो सकती है। एक सामान्य दिन में एक कार के अंदर का तापमान 10 मिनट के भीतर 40 डिग्री सेल्सियस तक और सीधे धूप में रहने पर 120 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। तो अगर आपको लगता है कि आप केवल कुछ मिनट के लिए अपने पशु को छोड़कर जा रहे तो यह जानलेवा हो सकता है। अगर आप कार में अपने पेट्स के साथ ड्राइव कर रहे हैंए तो अपने साथ ताजा पानी और एक कटोरा लें। कार से निकलते समय अपने पालतू पशु को साथ ले जाएं। यदि आप कार से लम्बा सफर कर रहे है तो बीच.बीच में रूककर अपने पालतू पशु को टहलाये और पानी पिलाये।
वेटरनरी हॉस्पिटल में श्वानों सहित सभी पशुओं के उपचार के लिए सभी प्रकार की चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध है। इन दिनों हीट-स्ट्रोक के केस अधिक देखने को मिलते हैं लिहाजा पशुपालकों को विशेषतौर पर अपने पशु की देखभाल के लिए इंतजाम करना चाहिए। यदि पशु को इस बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देते हैं तो बिना देर किए पशु चिकित्सक के परामर्श पर उपचार शुरू कराना चाहिए। डॉ. एसपी तिवारी,कुलपति वीयू