बुजुर्गों में मौत का जोखिम 68% कम करती है वैक्सीन
नई दिल्ली। फाइजर का द्विसंयोजक टीका (बाइवेलेंट वैक्सीन) वृद्ध लोगों में कोरोना संक्रमण से मौत के खतरे को 68 प्रतिशत तक कम कर सकता है। जर्नल द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 65 वर्ष या अधिक आयु के संवेदनशील एवं कमजोर लोगों को फाइजर की बाइवेलेंट एमआरएनए टीके की बूस्टर खुराक देने के बाद उनमें कोविड से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 72 प्रतिशत और मौत का खतरा 68 प्रतिशत कम दिखाई दिया। द्विसंयोजक एमआरएनए टीकों को ओमीक्रोन स्वरूप और उसके उपस्वरूपों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इन टीकों ने सितंबर, 2022 से अमेरिका, इजराइल और अन्य देशों में पुरानी शैली के मोनोवेलेंट बूस्टर की जगह लेना शुरू कर दिया है। इजराइल के तेल अवीव में कम्युनिटी मेडिकल सर्विसेज, क्लैलिट हेल्थ सर्विसेज से जुड़े और अध्ययन के सह-लेखक रोनेन अर्बेल ने कहा, हमारे निष्कर्ष सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकार वाले नए तरह के टीकों के महत्व पर प्रकाश डालते हैं, जो गंभीर खतरों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं।
72% कम हुआ अस्पताल में भर्ती होने का खतरा
इजराइल ने कोविड-19 के उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए द्विसंयोजक एमआरएनए बूस्टर टीकों को प्राथमिकता दी है। अध्ययन के अनुसार, 27 सितंबर, 2022 और 25 जनवरी, 2023 के बीच 5,69,519 पात्र प्रतिभागियों की पहचान की गई, जिनमें से, 1,34,215 (24 प्रतिशत) प्रतिभागियों को अध्ययन अवधि के दौरान बाइवेलेंट एमआरएनए बूस्टर टीका लगाया गया था। इसके अनुसार यह खुराक दिए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 72 प्रतिशत कम दिखाई दिया, जबकि कोविड संबंधी मौत होने का खतरा 68 प्रतिशत कम रहा। अध्ययन के लेखकों का कहना है कि अध्ययन में बाइवेलेंट और मोनोवेलेंट टीकों के बीच प्रत्यक्ष तुलना नहीं की गई है।