मप्र के लिए वीयू के वैज्ञानिक जल्द तैयार करेंगे उन्नत नस्ल की बकरी

मप्र के लिए वीयू के वैज्ञानिक जल्द तैयार करेंगे उन्नत नस्ल की बकरी

जबलपुर। मध्य प्रदेश के लिए नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी के पशु वैज्ञानिकों की टीम बकरी की उन्नत नस्ल को तैयार करेगी। यह नस्ल प्रदेश की ही कहलाएगी इसके लिए विवि के वैज्ञानिकों द्वारा भेजे गए रिसर्च एडं डेप्ल्पमेंट प्रोजेक्ट को पशुपालन एवं डेयरी विभाग दिल्ली ने अपनी स्वीकृति दे दी है।

सीमेन कलेक्शन के लिए खरीदी जाएंगी अत्याधुनिक मशीनें

इस प्रोजेक्ट के तहत हम गोट के सीमेन को प्रिजर्व करेंगे। यह सबसे कठिन कार्य होता है क्योंकि बकरी के सीमेन पर मौसम का इफेक्ट सबसे ज्यादा होता है। सीमेन कलेक्शन के लिए करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीनें भी खरीदी जाएंगी। सीमेन कलेक्शन के बाद हम यह देखेंगे कि किस सीजन में सबसे अच्छी क्वॉलिटी का सीमेन मिलता है इसके बाद इनके डोज बनाएं जाएंग और कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से गोट की ब्रीड तैयार करेंगे।

अभी मिक्स ब्रीड है प्रदेश में

डॉ. शुक्ला ने बताया अभी हमारे प्रदेश में राजस्थान की ब्रीड सरोही, उत्तर प्रदेश इटावा की ब्रीड जमुनापारी व मथुरा की ब्रीड बरबरी की मिक्स ब्रीड बकरी पालकों के पास है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के फार्म पर इन प्रजातियों की 20 से ज्यादा बकरियां है। वहीं वर्तमान में देश में करीब 11 मिलियन बकरी है।

प्रदेश में हैं मिक्स ब्रीड

प्रोजेक्ट के प्रमुख अन्वेषक एवं वेटरनरी कॉलेज जबलपुर के गायनिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सत्यनिधि शुक्ला ने बताया प्रदेश में शुद्ध बकरी की उन्नत नस्ल नहीं है वर्तमान में बकरी हैं वे मिक्स ब्रीड है। नेशनल लाइव मिशन के तहत रिसर्च एडं डेप्ल्पमेंट प्रोजेक्ट को केंद्र से स्वीकृति मिल गई है। इस प्रोजेक्ट की अवधि तीन वर्ष की है और इसके लिए 2 करोड़ 25 लाख 94 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। राशि में से अत्याधुनिक मशीनें भी खरीदी जाएगी। इसमें तीन चरणों में अनुसंधान कार्य को पूरा किया जाएगा।

बकरी पालकों को होगा लाभ

इस प्रोजेक्ट से आगे चलकर कृत्रिम गर्भाधान कराए जा सकेंगे, जिससे अच्छी नस्ल की प्रजाति तैयार होगी। इससे बकरी के दुग्ध उत्पादन क्षमता के साथ अच्छे वजन के पशु भी मिल सकेंगे। डॉ. शुक्ला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट केंद्र के पास वर्ष 2021 में स्वीकृति के लिए भेजा गया था। जहां से दो साल बाद इसे हरी झंडी मिली है।

यह प्रोजेक्ट मिलना विवि के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस प्रोजेक्ट के स्वीकृत होने के बाद विवि के वैज्ञानिक बकरी उन्नत नस्ल को तैयार कर सकेंगे। इससे बकरी पालकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। -डॉ. एसपी तिवारी,कुलपति वीयू