स्टार्टअप के लिए छात्रों को आर्थिक मदद विश्वविद्यालयों को करना होगी

स्टार्टअप के लिए छात्रों को आर्थिक मदद विश्वविद्यालयों को करना होगी

ग्वालियर। जीवाजी विवि सहित प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर शुरू किए गए हैं ताकि छात्र-छात्राएं स्टार्टअप शुरू कर सकें। विवि में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं स्टार्टअप शुरू करने के लिए आइडिया दे सकते हैं। छात्र अपना व्यवसाय शुरू कर सकें, इसके लिए विश्वविद्यालयों को आर्थिक मदद अपने संसाधनों से करना होगी, ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

जेयू में दो छात्रों को सीड मनी मिल चुकी है: जीवाजी विवि की छात्रा ललिता कुशवाह को 26 अगस्त 2021 को 1 लाख रुपए और रुपाली दत्ता को 6 अप्रैल 2022 को 50 हजार रुपए के रूप में सीड मनी स्टार्टअप शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों मिल चुकी है। इसमें एक और छात्रा का नाम जुड़ने जा रहा है।

सेंटर को कंपनी के रूप में विकसित करें

उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव वीरनसिंह भलावी ने कुलसचिवों से कहा है कि वह इन्क्यूबेशन सेंटर को कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-8 के तहत गैर लाभकारी कंपनी के रूप में विकसित किया जाए, ताकि भारत सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता और मध्यप्रदेश शासन की राज्य स्टार्टअप नीति 2022 का अधिक से अधिक वित्तीय लाभ मिल सके।

उच्च शिक्षा विभाग ने स्टार्टअप शुरू करने वाले छात्रों को वित्तीय मदद व सेंटर को कंपनी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. आरके बघेल,कुलसचिव जेयू