मार्च माह में बेरोजगारी दर 7.45 से बढ़कर 7.80% पर , यह तीन महीने में सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। भारत में बेरोजगारी दर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मार्च महीने में जॉबलेस रेट बढ़कर 7.80% पर आ गई है, जो तीन महीने में सबसे ज्यादा है। पिछले महीने फरवरी में बेरोजगारी दर 7.45% रही थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने शनिवार को यह आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में शहरी बेरोजगारी दर पिछले महीने के 7.93% से बढ़कर 8.51% पर पहुंच गई है। जबकि, ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.23% से बढ़कर 7.47% पर पहुंच गई है। ज्ञात हो कि मुंबई बेस्ड सीएमआईई के आंकड़ों पर इकोनॉमिस्ट्स और पॉलिसी मेकर्स पैनी नजर रखते हैं, क्योंकि सरकार मंथली आंकड़े जारी नहीं करती है।
हरियाणा में बेरोजगारी ज्यादा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.8 प्रतिशत रही। यह देश भर में सबसे कम बेरोजगारी दर है। वहीं इस महीने में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.8 प्रतिशत की रही।
कैसे तय होती है बेरोजगारी दर?
मार्च में बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 78 को काम नहीं मिल पाया। सीएमआईई हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है। इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं, उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है।
सरकार की देनदारियां 2% से अधिक बढ़ीं : रिपोर्ट
केंद्र सरकार की देनदारियां वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में 150.95 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जो सितंबर तिमाही में 147.19 लाख करोड़ रुपए थी। ये जानकारी पब्लिक डेट मैनेजमेंट रिपोर्ट में सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2022-23 में देनदारियों में 2.6 % का इजाफा हुआ है। साथ ही दिसंबर 2022 में कुल देनदारियां सरकार के पब्लिक अकाउंट को शामिल करने के बाद बढ़कर 1,50,95,970.8 रुपए हो गई है। यह सितंबर में 1,47,19,572.2 करोड़ रुपए थी। वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में सरकार ने 3.51 लाख करोड़ सिक्योरिटीज के जरिए उधार लिए।