बेरोजगारी भत्ता बेमानी, हम युवाओं को कमाना सिखाएंगे : मुख्यमंत्री
सीएम ने भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बार-बार ट्राई नहीं करना पड़ेगा। युवाओं को रोजगार के लिए तीन विकल्प तैयार किए हैं, जिसमें पहला सरकारी नौकरी है, दूसरा स्वयं का रोजगार और तीसरा सीखो कमाओ है। इससे युवा नौकरी भी कर सकेंगे और अपना उद्योग भी स्थापित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं हैं। अपना रोजगार तैयार करना सबसे बेहतर है, धीरू भाईअंबानी ने भी थोड़े पैसे लेकर अपना काम शुरू किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता बेमानी है, हम बच्चों को कमाना सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्राइवेट से बेहतर पढ़ाई होगी। इसके लिए सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। मॉडल स्कूल सीएम ने भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया खोले जाएंगे, जहां कौशल और तकनीकी शिक्षा मिलेगी। बेहतर शिक्षा और स्किल ट्रेनिंग से हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे। उन्होंने बताया कि सीखो कमाओ योजना में सात जून से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था, इसमें आठ लाख से अधिक बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। योजना में 16 हजार सात सौ से अधिक कंपनियों, संस्थाओं सहित अन्य प्रतिष्ठानों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया है। 70 हजार 386 पद प्रकाशित किए हैं। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 35 सौ स्टार्टअप बनाए गए हैं और 80 से अधिक इन्क्यूबेशन सेंटर हैं। इस दौरान सीएम ने कुछ बच्चों को नियुक्त पत्र भी दिया।
इन राज्यों में दिया जाता है बेरोजगारी भत्ता :
केरल, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
ये प्रयोग पूरे राज्य स्वीकार करेंगे:
सीएम ने कहा कि सीखो कमाओ योजना देश के लिए अनूठी योजना होगी। इसे हिंदुस्तान के सभी राज्य स्वीकार करेंगे। जैसे शेरनी अपने बच्चों को शिकार नहीं देती, बल्कि शिकार कराना सिखाती है। इसी तरह से हम बच्चों को ऐसी शिक्षा देने का इंतजाम करेंगे कि वो रोजगार की तलाश में इधर-उधर नहीं भटकें, वो खुद रोजगार देने वाले बनें।