UNFPA ने किया दावा : भारत ने आबादी में चीन को पीछे छोड़ा, अब 142.86 करोड़
नई दिल्ली। चीन को पीछे छोड़ भारत दुनिया का सबसे आबादी वाले देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के अनुसार, भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है, जबकि चीन की 142.57 करोड़ है। गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार सुबह एक रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया था कि तब भारत इस साल के मध्य तक दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन जाएगा। साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला कि भारत 30 लाख से अधिक लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।
अमेरिका तीसरे नंबर पर
यूएनएफपीए के स्टेट आफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 के जनसांख्यिकीय आंकड़ों का अनुमान है कि चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है। अमेरिका तीसरे नंबर पर है।
भारत की आबादी हो सकती है 165 करोड़
विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है। इससे आबादी 165 करोड़ हो सकती है। यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या का असर आम लोगों पर पड़ रहा है।
जनसंख्या में नंबर-1 को लेकर यूएनएफपीए को ही संशय
भारत आगे निकल गया है या साल के मध्य में निकलेगा इसे लेकर यूएनएफपीए भी शायद गफलत में है। यूएनएफपीए की मीडिया एडवाइजर एना जेफरीज ने कहा कि ये साफ नहीं है कि भारत की जनसंख्या चीन से कब आगे निकली। दोनों देशों के आंकड़े जारी करने के समय में काफी अंतर है तो इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। हम यही बता सकते हैं कि चीन की जनसंख्या पिछले साल पीक पर थी, जिसके बाद इसमें साढ़े 8 लाख की गिरावट आई थी। वहीं, इसके उलट भारत में बढ़ रही है। यूएन ने भी रिपोर्ट जारी की है। लेकिन, अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत की जनसंख्या जुलाई में दुनिया में सर्वाधिक होगी।
भारत में साल 2011 में हुई थी पिछली जनगणना
जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा। कहा गया था कि अभी यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा। लेकिन, बुधवार दोपहर तक यूएनएफपीए ने एक और रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालांकि, भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी।
छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में कमी
गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में कमी ही देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी।