यूनेस्को ने ग्वालियर को दिया सिटी ऑफ म्यूजिक का खिताब
ग्वालियर। मप्र के स्थापना दिवस पर ग्वालियर को वैश्विक सौगात मिली है। यूनेस्को ने 2022 की क्रिएटिव शहरों की सूची में ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के खिताब से नवाजा है। इससे पहले 2016 में वाराणसी और 2017 में चेन्नई को चुना गया था। यूनेस्को ने भारत के दो शहरों संगीत के लिए ग्वालियर और साहित्य के लिए केरल का कोझिकोड को चुना है।
सिंधिया ने लिखा था यूनेस्को को पत्र: गौरतलब है कि ग्वालियर को यूनेस्को द्वारा सिटी ऑफ म्यूजिक का खिताब देने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जून महीने में यूनेस्को को एक पत्र भी लिखा था।
प्रदेश के टूरिज्म विभाग ने भेजा था प्रस्ताव: मप्र टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इसका प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा था। प्रस्ताव में बताया गया था कि ग्वालियर अपनी संगीत धरोहर के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह शहर महान गायक तानसेन, बैजू बावरा, 'संगीत के राजा' ध्रुपद के लिए प्रसिद्ध है।
कोझिकोड में 500 से ज्यादा लाइब्रेरी: कोझिकोड में 500 से ज्यादा लाइब्रेरी और 70 से अधिक प्रकाशक हैं। वार्षिक केरल साहित्य महोत्सव, कई पुस्तक उत्सवों से कोझिकोड की दावेदारी मजबूत हुई।
यूनेस्को के रचनात्मक शहरों के नेटवर्क में चयनित किए जाने के बाद अब ग्वालियर के संगीत को विश्व पटल पर एक नई पहचान मिलेगी। विश्व संगीत मंच पर ग्वालियर के सुरों की धूम मचेगी। - ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री
तानसेन की नगरी होने के कारण ग्वालियर की ख्याति देश-विदेश में है। लेकिन इस उपलब्धि से पूरे विश्व में ख्याति और बढ़ जाएगी। - प्रो. साहित्य कुमार नाहर, कुलपति, संगीत विवि