दो को मरते दम तक, तीसरे को 20 साल की सजा
जबलपुर। चरगवां थाना क्षेत्र में एक नाबालिग को जंगल में लेकर उसके साथ गैंगरेप करने वाले तीन आरोपियों को पाटन एडीजे कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार की अदालत ने आरोपी 23 वर्षीय बृजेश ठाकुर व पंचम ठाकुर को मरते दम तक (शेष प्राकृतिक जीवन काल) की सजा सुनाई है। दोनों पर आठ-आठ हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं एक अन्य आरोपी 24 वर्षीय बाली ठाकुर को 20 साल के सश्रम कारावास व 13 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि 15 जनवरी 2023 की शाम करीब 6 बजे पीड़िता नहर तरफ घूमने गई थी। उसी समय आरोपी पंचम ठाकुर अपने दोस्त बाली व बृजेश ठाकुर के साथ मोटर साइकिल से पहुंचा। पंचम ने पीड़िता को मौसी के घर छोड़ने का कहकर उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। जिस पर पीड़िता आरोपियों के साथ बाईक पर बैठ गई।
अदालत को बताया गया कि आरोपी पीड़िता को लेकर उर्रम के जंगल की ओर ले गए। जहां बाईक रोक-कर पंचम ने पीड़िता से कहा कि वह उसे पसंद करता है और शादी करना चाहता है। उसके मना करने पर आरोपी पंचम ने दुष्कर्म किया। रात में जब ठण्ड बढ़ने लगी तो पंचम लकड़ी लेने चला गया। जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी बाली ने पीड़िता के दोनों हाथ पकड़ लिए और बृजेश ठाकुर ने उसके साथ बलात्कार किया। आरोपियों ने गैंगरेप करने के बाद पीड़िता को उसकी मौसी के घर छोड़ा और उसे किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी। जब पीड़िता के मामा उसकी तलाश करते हुए मौसी के घर पहुंचे तब उसने अपनी आपबीती बताई। जिसके बाद मामले की शिकायत चरगवां थाने में दर्ज कराई गई। सुनवाई के पश्चात अदालत ने तीनों आरोपियों को उक्त सजा से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संदीप जैन ने पक्ष रखा।
छात्रा से अश्लीलता करने वाले ऑटो चालक को 3 साल की सजा
एक नाबालिग छात्रा को स्कूल लाते ले जाते वक्त अश्लील हरकतें करने वाले ऑटो चालक को पॉक्सो की अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी चंद्रशेखर उर्फ चंदू विश्वकर्मा को 3 साल के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि पीड़िता की मां ने घमापुर थाने में शिकायत दर्ज करायी कि उसने अपनी बेटी को स्कूल लाने ले जाने के लिये एक ऑटो लगाया है, जिसका चालक चंद्रशेखर उर्फ चंदू है। 4 जनवरी 2023 को ऑटो वाले चंद्रशेखर ने पीड़िता को स्कूल से लाकर घर छोड़ा। जिसके बाद पीड़िता डरी सहमी होकर अपनी मां के पीछे छिप गई। ऑटो चालक के जाने के बाद जब परिजनों ने पूछा तो पीड़िता ने अपनी आप बीती बयां की। शिकायत पर पुलिस ने छेड़खानी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने आरोपी चंद्रशेखर को उक्त सजा से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से एडीपीओ मनीषा दुबे ने पक्ष रखा।