मकर संक्राति पर्व पर तिरंगा, कृष्णा पतंग की डिमांड सबसे ज्यादा

मकर संक्राति पर्व पर तिरंगा, कृष्णा पतंग की डिमांड सबसे ज्यादा

जबलपुर। मकर संक्राति पर्व पर पतंगबाजी का नजारा रविवार सुबह से लेकर देर शाम तक देखने को मिला। शहर में सबसे ज्यादा डिमांड तिरंगा व कृष्णा पतंग की रही। साथ ही बच्चों के लिए बाजार में छोटा भीम, पब्जी, मोटू पतलू प्रिंटेड पतंग, डोरेमान, बार्बी डाल की मांग ज्यादा रही। बताते हैं कि शहर में करीब 50 से ज्यादा पतंग की दुकानों में करीब 50 हजार से ज्यादा प्रकार की पतंगों की बिक्री हुई है। तिथि के मुताबिक सोमवार को मनाए जाने वाले इस पर्व पर पतंगबाजों के लिए शहर के हर क्षेत्र में रंग बिरंगी पतंगों से दुकानें सजी रही।

मांझे से परिंदों को भी खतरा

मकर संक्राति पर्व पर अपने भाई हर्षक के साथ पतंग खरीदने आई हर्षिका ने बताया उन्होंने तिरंगा ओर कृष्णा पतंग ली है। पतंगबाजी के शौकीन लोगों से उन्होंने अपील की कि वे पतंग में चायनीज मांझे का प्रयोग न करें। मांझा पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए ही नुकसानदायक है।

जयपुर, बैंगलुरु से आ रहीं पतंगें

पतंगबाजों में गजब का उत्साह देखते हुए डिमांड के मुताबिक जयपुर, बैंगलुरु से भी बड़ी पतंग बुलाई गई है। बच्चों से लेकर बड़े तक चमकीली प्लास्टिक से बने मिनी साइज पतंग को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

इसलिए है कागज की पतंग महंगी

पतंग दुकानदारों का कहना है कि कागज की पतंग उसमें लगने वाले कागज और बांस के कारण महंगी है। इसमें जो बांस लगता है वह बहुत ही अच्छी क्वॉलिटी का होता है जो कि महंगा आता है। लागत ज्यादा होने के कारण यह महंगी होती जा रही है कागज होने कारण यह जल्दी फट जाती है। लिहाजा इसकी खपत लगातार कम होती जा रही है।

पतंग और मांझे के दाम में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी

बूढ़ी खेरमाई मंदिर रोड स्थित छोटे पतंग वाले के संचालक अबरार खान ने बताया कि यहां पर पतंग को लेकर ट्रेंड भी बदल चुका है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक पतंग डोर खरीदने पहुंच रहे हैं। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पतंग के भाव में 20 से 25 फीसदी बढ़े हैं। बाजार में पांच रुपए से लेकर 100 रुपए तक की पतंग बिक रही हैं जो पतंग गए वर्ष से पांच रुपए की थी वह अब आठ से 10 रुपए की मिल रही है। डोर व मांझे के भाव में भी इजाफा हुआ है।