कर्मचारियों की हड़ताल से लेन-देन अटके रजिस्ट्रियां रुकीं, अफसर बोले-असर नहीं
संगठनों ने विंध्याचल, सतपुड़ा और वल्लभ भवन के बाहर धरना दिया
भोपाल। जनजातीय कार्य विभाग सतपुड़ा में पदस्थ लिपिक विजय रघुवंशी अपनी सीट पर नहीं बैठे थे। वे हर दिन दो दर्जन फाइलों का मूवमेंट करते हैं लेकिन शुक्रवार को कर्मचारियों की हड़ताल में शामिल होने से फाइलें रखी रह गर्इं। ऐसा ही कुछ हाल मंत्रालय, विंध्याचल, निर्माण भवन सहित अन्य विभाग प्रमुख कार्यालयों में रहा, जबकि अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग कहते हैं कि हड़ताल से जरूरी कामकाज में खास असर नहीं पड़ा है। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि पंजीयन कार्यालय पूरी तरह बंद रहने से जमीनों की रजिस्ट्रियां नहीं हुई। कोषालय कार्यालयों में कर्मचारियों से संबंधित कार्य ठप रहे। दरअसल, शुक्रवार को मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और 6 संगठनों के संयुक्त मंच के बैनर तले 39 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के सभी साढ़े चार लाख नियमित कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने का आह्वान किया गया था। कर्मचारी संगठनों ने सतपुड़ा, विंध्याचल और वल्लभ भवन पर धरना देकर नारेबाजी की। यह क्रम दोपहर बाद तक चलता रहा। कई कर्मचारी हड़ताल के बहाने इधर-उधर घूमते रहे।
कर्मचारियों की ये हैं मुख्य मांगें
- लिपिकों को 2400-2800-3200 के स्थान पर मंत्रालय के समान 2800-3600- 4200 ग्रेड पे दिया जाए।
- पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
- वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता सातवें वेतनमान केंद्र अनुसार मिले।
- सीपीसीटी का बंधन समाप्त हो।
- 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि हो।
- महंगाई भत्ते की बकाया राशि खातों में जमा की जाए।
- आउट सोर्स प्रथा बंद कर नियमित नियुक्ति की जाए।
- चतुर्थ श्रेणी का पद नाम कार्यालय सहायक किया जाए।
पांच हजार से अधिक पटवारी आज निकालेंगे तिरंगा यात्रा
भोपाल। मांगों को लेकर प्रदेश के 19 हजार से अधिक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इसी को लेकर पटवारी शनिवार को तिरंगा यात्रा निकालेंगे। इस दौरान राजधानी में पांच हजार से ज्यादा पटवारियों को जुटने की उम्मीद है। पटवारियों के चल रही सात दिवसीय आंदोलन से नामांतरण, बंटवारा सहित राजस्व के सभी काम प्रभावित हो रहे हैं। पटवारियों के हिस्से में करीब 66 कार्य होते हैं। मध्य प्रदेश पटवारी संघ के महामंत्री उमेश शर्मा ने बताया कि 18 अगस्त को पटवारियों ने सभी जिला शाखाओं द्वारा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम लंबित समस्याओं मांगों के संबंध में ज्ञापन दिए थे। बार-बार मांगें रखने के बाद भी पूरी नहीं की जा रही हैं, इससे 23 अगस्त से प्रदेश के संपूर्ण पटवारी तीन दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए। प्रदेश में करीब 19 हजार पटवारी हैं।
मुख्य मांग-वेतन बढ़ाया जाए
- वेतनमान विसंगति को दूर कर 2800 ग्रेड पे हो क्योंकि 25 वर्षों में वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई।
- कानून में संशोधन कर मध्यप्रदेश के पटवारियों को एक उच्च पद का अतिरिक्त कार्य सीमांकन तो दिया गया लेकिन समान कार्य समान वेतन के आधार पर राजस्व निरीक्षक का वेतनमान नहीं दिया गया।
सरकार को नुकसान
मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर सरकार से नाराजगी प्रकट की है। हड़ताल से सरकारी कार्यालय बंद रहे। लेनदेन कोषालयों से नहीं हुआ। पंजीयन आॅफिस बंद रहे। जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा
हड़ताल का विशेष असर नहीं, मांगों पर विचार होगा
कर्मचारियों की हड़ताल का वल्लभ भवन में खास असर नहीं रहा। दोपहर बाद गेट मीटिंग हुई थी। संगठनों की मांगों पर विचार किया जाएगा। विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव, जीएडी