मेट्रो बस संचालन बंद होने पर पटरी से उतरा यातायात
जबलपुर। शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो बस के शुक्रवार को न चलने से यातायात पूरी तरह पटरी से उतर गया। यात्री घंटों बस स्टाप पर खड़े होकर बस का इंतजार करते रहे, लेकिन एक भी बस का संचालन नहीं हुआ। कोर्ट के निर्णय के बाद बस चालकों ने टाइम टेबल तय होने तक बस न चलाने का फैसला किया है। इसका खामियाजा महिलाओं, स्कूली बच्चों और सरकारी-निजी कार्यालयों में परिवहन करने वालों को भुगतना पड़ा।
गौरतलब है कि जबलपुर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने मेट्रो बसों को शहर से लगे 25 किमी तक के ग्रामीण इलाकों में बस सेवा शुरू कर दी थी। वहीं कोर्ट के प्राइवेट बस ऑपरेटरों के पक्ष में दिए गए एक निर्णय से लाखों जनता जो बसों से असानी से सफर करती रहती उसके लिए घरों तक पहुँचना एक बड़ा संकट बन कर उभर गया है। ऐसे में रोजाना कमाने खाने वालों के लिए भी बसों के पहिये के रुकना गरीबी में गीला आटा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गईं है। वहीं ऑटो चालकों ने जमकर वसूली की और ओवर लोड वाहन दौड़ते रहे।
कोई पहल नहीं हो रही
चुनाव अचार संहिता के चलते सरकार के भी हाथ पांव बंधे हुए है। वहीं सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो शहर के सांसद और सभी विधायकों का मौन हंै जो लाखों जनता के लिए उत्पन हुए इस भयानक संकट में किसी प्रकार कि कोई पहल भी नहीं कर रहे हैं। वही शहर का प्रशासन चुनाव कराने की तैयारी में व्यस्त है।
ये है मामला
उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार ने शहरी सीमा से 25 किमी के क्षेत्र तक मेट्रो बस चलाने को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। उसी तारतम्य में जबलपुर ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के सीईओ सचिन विश्वकर्मा ने भी आनन फानन में जबलपुर के 25 किमी के एरिया कि जनता को सुविधा जनक सफर उपलब्ध कराने के लिए मेट्रो बसों को दौड़ाना शुरू कर दिया। अपने लाभ के रास्ते में उत्पन्न हुए इसी संकट को निजी बस एसोसिएशन ने कोर्ट में चैलेंज किया और लाखों जनता की लाइफ लाइन मानी जाने वाली बसों को सड़कों पर चलने में कोर्ट ने रोक लगा दी।
मैं प्राइवेट जॉब कर रही हूं। रोजाना मेट्रो बस से करीब 20 किमी अप डाउन करती हूं। मैंने बाकायदा मंथली पास भी बनवाया है। बस न मिलने पर दोगुना किराया लगा। वैशाली चौकसे
सुबह जब बस स्टाप पर आई तब पता चला की आज मेट्रो बस नहीं चल रही हैं। बसों के न चलने से गरीब जनता की रोजी रोटी में संकट खड़ा हो गया है। नम्रता मैम
मेरे घर से कॉलेज करीब 12 किमी दूर है। बस का यातायात बहुत ही सुगम रहा। आज ऑटो से कॉलेज में गए । विद्यार्थियों की पढ़ाई में समस्या उत्पन्न हो गई है। कंचन सोनी
मैं मेट्रो बस से डेली अप-डाउन करती हूं। शुक्रवार को बस न मिलने से कई किमी तक पैदल जाना पड़ा। परेशानी सी जूझ रही उसी जनता की कोई आवाज नहीं उठा रहा। अंकिता कनौजिया