रिटायरमेंट के बाद भी उमंग बनी रहे, इसलिए बना दिया जीवन उमंग क्लब
ग्वालियर। रिटायरमेंट के बाद अधिकतर सभी लोग अपना सारा समय घर पर बिताते हैं और हर रोज एक ही तरह की दिनचर्या से ऊबने लगते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि रिटायर होते ही जीवन नीरस हो जाएगा, खाली समय कैसे निकलेगा वगैरह-वगैरह। एमपीईबी से रिटायर होने के बाद राहुल गुप्ता के मन में भी यही ख्याल आया था कि अब समय कैसे कटेगा, जीवन में उमंग कैसे रहेगी। इसी सोच को लेकर उन्होंने वर्ष 2019 में जीवन उमंग क्लब बनाया और इसमें एमपीईबी से रिटायर हो चुके लोगों को जोड़ा है। क्लब से 40 लोग जुड़ चुके हैं और सभी मिलकर होटल में नाचते-गाते हैं, खाते हैं और जिंदगी को खूब इंजॉय करते हैं। आलम यह है कि क्लब के मेंबर राहुल गुप्ता को फोन करके पूछते हैं कि क्लब की पार्टी कब और कहां होने वाली है। क्लब के सदस्य दीपावली पर गरीब बस्ती में जाते हैं और वहां रहने वाले लोगों के लिए कपड़े, मिठाई और पटाखे लेकर जाते हैं।
किट्टा और भुट्टा पार्टी भी करते हैं सेलिब्रेट
राहुल गुप्ता बताते हैं कि एक बार धर्मपत्नी किट्टी पार्टी से होकर आई तो उन्हें लगा कि जब महिलाएं किट्टी पार्टी कर सकती हैं तो पुरुष पार्टी क्यों नहीं कर सकते। इसे लेकर उन्होंने दिमाग दौड़ाया और किट्टा पार्टी नाम सूझा। अब दोस्त यारों के बर्थ-डे पर किट्टा पार्टी की जाती है, जिसमें सभी लोग मस्ती करते हैं। राहुल बताते हैं कि साल में एक बार भुट्टा पार्टी भी की जाती है, जिसमें खाने के लिए स्पेशल तौर पर भुट्टा जरूर होता है। इस पार्टी में लोग नाचना, गाना करते हैं।
क्लब में अकेले नहीं, पति-पत्नी दोनोें को साथ आना है शर्त
हर महीने होने वाली उमंग क्लब की पार्टी के लिए एक शर्त यह रखी गई है कि इसमें कोई व्यक्ति अकेला नहीं आएगा। कर्मचारी अपनी पत्नी को साथ लेकर आएगा। यह शर्त इसलिए रखी गई है कि अधिकतर कर्मचारियों के बच्चे नौकरी के कारण बाहर शिफ्ट हो गए हैं। कर्मचारी तो पार्टी में आकर अकेलापन भूलकर पुराने साथियों से मिलकर हंस-गा लेता है, मगर पत्नी घर पर अकेलापन महसूस नहीं करे, इसलिए पार्टी में कपल की एंट्री रखी गई है। पार्टी में शामिल होने पर सिर्फ खुद के खाने का खर्च देना पड़ता है।