बाघ सत्तू और शौर्या मेटिंग के लिए सुंदरी को लुभा नहीं सके
भोपाल। वन विहार नेशनल पार्क में बाघिन सुंदरी ने दो युवा बाघ सत्तू और शौर्या को निराश किया है। दोनों ही सुंदरी को मेटिंग (ब्रीडिंग) के लिए लुभा नहीं सके। अब प्रबंधन ने भी इन बाघों के जरिए सुंदरी से कुनबा बढ़ाने की उम्मीद छोड़ दी है। अब लॉयनेस गंगा और लॉयन सत्या से उम्मीद हैं। ये दोनों एक ही बाडेÞ में हैं और एक-दूसरे को लुभाने का प्रयास कर रहे है। संभवत: यह पहला मौका है कि जब किसी नेशनल पार्क में सिंहों के बीच ब्रीडिंग कराने का प्रयास हो रहा है। पार्क प्रबंधन ने करीब 6 माह पहले केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सुंदरी का कुनबा बढ़ाने के प्रयास शुरू किए थे। यह वही बाघिन है, जो करीब ढाई साल तक ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व मे कैद रही। काफी प्रयास के बाद इसे वापस मप्र लाया जा सका। पहले कान्हा टाइगर रिजर्व में रखने के बाद पिछले साल नवंबर में इसे वन विहार में शिμट किया गया था। उसे पर्यटकों के लिए डिस्प्ले नहीं किया गया। आक्रामक हो जाती थी: सुंदरी को कान्हा टाइगर रिजर्व के शौर्य और बांघवगढ़ के बंघु के बाड़े में रखा गया है। कुछ समय पहले इन दोनों को वन विहार शिμट किया गया था। हाउसिंग में तीनों के बीच एक-एक जाली लगाई गई थी। इंटीमेंसी के लक्षण सामने आने के बाद संबंधित बाघ के साथ एक ही बाड़े में रखने की योजना थी।
गंगा- सत्या में बन रही इंटीमेसी
केंद्र के प्रोजेक्ट ब्रीडिंग प्रोग्राम के तहत वन विहार में अब लायनेस सत्या और लॉयन गंगा का परिवार बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। करीब डेढ़ माह पहले दोनों को एक हाउसिंग में रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच इंटीमेंसी बनती दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक बाघ अपने क्षेत्र में अन्य बाघ की मौजूदगी सहन नहीं करता। दोनों मेटिंग के लिए तैयार नहीं है, तो एक-दूसरे की जान तक ले लेते हैं।
कान्हा से लाई गई बाघिन सुंदरी के ब्रीडिंग की उम्मीद हमने छोड़ी नहीं है। अभी मां बनने का उसके पास लंबा समय है। इस समय लायन सत्या और गंगा को ब्रीडिंग के लिए एक ही हाउसिंग में रखा गया है। - एसके सिन्हा, असिस्टेंट डायरेक्टर, वन विहार नेशनल पार्क