महिला एवं बाल विकास के तीन हजार कर्मी हड़ताल पर, काम ठप
ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास में परियोजना अधिकारी से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तक सभी हड़ताल पर हैं। बुधवार को संभागायुक्त, कलेक्टर अंचल के आठों जिलों के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने दो टूक कहा है कि अगर बिना चर्चा के कार्रवाई की गई तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।
डबरा की सीडीपीओ बबिता धाकड़ का कहना है कि हमारा आंदोलन 31 मार्च तक था लेकिन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार न होने के कारण अब अनिश्चितकालीन हड़ताल हो गई है। इसे लेकर ही बुधवार को अधिकारी और कार्यकर्ताओं ने संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह,संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास सीमा शर्मा को मांग पत्र सौंपे हैं। मांग पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतनमान बढ़ाने और सहायिकाओं को पूर्णकालिक का दर्जा देने की मांग की है।
आंगनबाड़ी बंद, नहीं बंट रहा पोषण आहार
महिला एवं बाल विकास की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के हड़ताल पर होने से तीन हजार कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं। जिले की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताले लटके हुए हैं। इसके कारण बच्चों को दिए जाने वाला पोषण और पूरक पोषण आहार नहीं मिल रहा है। अनिश्चितकालीन हड़ताल से लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना के सभी काम बंद हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर केवायसी भी नहीं हो रही।
पंचायत सचिवालय में भी काम ठप
ग्राम रोजगार सहायक , सहायक सचिव महासंघ के रोजगार सहायकों की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की केवायसी नहीं हो रही। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश कटारे का कहना है कि रोजगार सहायक अंशकालीन कार्यकर्ता होने के बाद भी उनसे पूर्णकालिकों की तरह काम क्यों लिया जा रहा है?
महिला एवं बाल विकास विभाग के करीब तीन हजार कार्यकर्ता हड़ताल पर चल रहे हैं। सभी आवश्यक काम बंद हैं। मांगें पूरी होने तक हड़ताल चलेगी। -बबीता धाकड़, सीडीपीओ डबरा