केआरएच में एक पलंग पर तीन-तीन बच्चे भर्ती, मेडिसिन में जमीन पर उपचार
ग्वालियर। गर्मी इन दिनों चरम पर है, गर्मी की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जेएएच के केआरएच के पीआईसीयू में एक पलंग पर तीन- तीन बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है, यहां पर बच्चों को भर्ती करने के लिए 16 पलंग हैं और करीब 55 से 60 बच्चे वर्तमान में यहां पर एडमिट हैं। पीडियाट्रिक्स वार्डों से लेकर पीआईसीयू तक सभी फुल हो हैं और क्षमता से कहीं अधिक बच्चे इस अस्पताल में भर्ती हैं, हालांकि डॉक्टर्स द्वारा मरीजों का लगातार उपचार किया जा रहा है।
पीडियाट्रिक्स वार्ड में एचओडी की मांग पर 40 पलंग बढ़ाकर इनकी संख्या 178 की गई है, लेकिन मौसम की मार की वजह से इतनी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं, कि यह कम पड़ रहे हैं। विभाग के एचओडी ने बताया कि इस समय बच्चों में बुखार के साथ उल्टी-दस्त की समस्या अधिक देखने को मिल रही है, 70 फीसदी बच्चे इन्ही समस्याओं से ग्रसित होकर आ रहे हैं, इसके साथ ही बुखार के साथ फिट्स एवं जॉन्डिस के केस बढ़ गए हैं। केवल बच्चे ही नहीं बल्कि शहर में चल रही लपट ने युवा एवं बुजुर्गों की हालत भी खस्ता करके रखी हुई है। केवल जेएएच ही नहीं बल्कि जिला अस्पताल मुरार के वार्डों में मरीजों के लिए पलंग उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
कई सीनियर डॉक्टर गए अवकाश पर
इन दिनों जीआरएमसी के विभिन्न विभागों के 50 फीसदी डॉक्टर्स एक महीने के अवकाश पर चले गए हैं। पीडियाट्रिक्स विभाग या फिर मेडिसिन विभाग से लेकर आर्थोपेडिक सहित अन्य विभागों में क्षमता से आधे डॉक्टर ही उपलब्ध हैं और अधिकतर सीनियर डॉक्टर अवकाश पर गए हैं और जो बचे हुए हैं, वह अगले महीने छुट्टी पर जाएंगे। इस वजह से जुलाई के महीने में जेएएच के अस्पतालों में पूरी संख्या में डॉक्टर्स मिल पाएंगे। इसी की वजह कई विभाग जूनियरों के भरोसे चल रहे हैं।
जिला अस्पताल में गैलरी में डालने पड़े पलंग
बदलते मौसम की वजह से केवल जेएएच ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पताल मुरार में भी मरीज पलंग के लिए परेशान हो रहे हैं। यहां अभी हाल ही में बनी नई बिल्डिंग के बाद अस्पताल में 100 पलंग बढ़े, लेकिन वर्तमान में मेडिसिन में यह स्थिति है कि यहां पर गैलरी में मरीजों के लिए पलंग डालने पड़ रहे हैं।
न्यू जेएएच में मरीजों को नहीं मिल पा रहे पलंग
450 करोड़ की लागत से तैयार हजार बिस्तर अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में हालात यह हो गए हैं कि यहां पर उपचार ही नहीं पलंग के लिए भी मारामारी शुरू हो गई है और मरीजों को जमीन पर गद्दों पर लेटकर उपचार लेना पड़ रहा है। जेएएच प्रबंधन ने मेडिसिन वार्ड में कुल 240 पलंग मरीजों के लिए रखे हैं, लेकिन यहां पर वर्तमान में 350 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इसी के चलते कई मरीज जमीन पर लेटकर उपचार ले रहे हैं। यहां पर पलंग के साथ-साथ दूसरी बड़ी समस्या पानी एवं गर्म हवा की है, प्रबंधन यहां पर मरीजों को ठंडा पानी एवं हवा उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। जिसकी वजह से गर्मी में मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों की हालत खस्ता बनी हुई है।
यह बरतें सावधानी
जेएएच के मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय पाल ने बताया कि लू-लपट, डायरिया के साथ ही जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके केस अधिक आ रहे हैं। अधिकतर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह गर्मी से बचाव के लिए अधिक से अधिक लिक्विड डाइट लें, हल्का एवं ताजा भोजन खाएं और उच्च प्रोटीनयुक्त भोजन खाने से बचें, बाहर जाएं तो शरीर को पूरी तरह ढककर निकलें और हल्के एवं ढीले कपड़े पहनकर बाहर जाएं।