ठगे गए हजारों निवेशकों को मिलेगी राहत, स्थगन कराएंगे रद्द
ग्वालियर। चिटफंड कंपनियों द्वारा सस्ते दामों पर जमीन दिलाने के नाम बटोरी हजारों लोगों से करोड़ों की राशि कब वापस मिलेगी, इसे बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। अलबत्ता न्यायालय द्वारा लगाए गए स्थगन को रद्द कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त किए गए ओएसडी के चलते अब निवेशकों को राहत की उम्मीद जगी है। जिला प्रशासन जिले ने जिलेभर की 34 चिटफंड कंपनियों में उन निवेशकों के नाम तलाशे हैं जिनके द्वारा जमीन अथवा अन्य लाभकारी योजनाओं के जरिए जमा की गई राशि वापस लेने के लिए छटपटाहट दिख रही है। उधर जिला प्रशासन ने जमीन की नीलामी रोकने के लिए आए स्थगन आदेश को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में स्थगन को रद्द कराने के लिए न्यायिक स्तर पर प्रक्रिया शुरू की है।
नीलामी शुरू हो या मिले धरोहर राशि
नीमगांव ग्वालियर निवासी अजीतसिंह का कहना है कि हम चाहते हैं कि चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की नीलामी हो या हमारी धरोहर राशि जो कंपनियों के पास है उसे वापस दिलाया जाए। हालांकि ऐसे निवेशकों की संख्या जिले में करीब 5 हजार से अधिक है, जिनका पैसा भी वापस नहीं हो रहा है और राहत के नाम पर अभी तक दो शब्द भी कानों तक नहीं आए।
एक रास्ता यह भी
जिन निवेशकों ने चिटफंड कंपनियां की नीलम होने वाली संपत्ति खरीदना चाही ऐसे निवेशकों को वर्ष 2023 की बाजार मूल्य के हिसाब से जमा कराई गई धरोहर राशि वापस की जाए। पूर्व में जमा कराई गई धरोहर राशि और वर्तमान में मानी जाने वाली बाजार मूल्य के हिसाब से धरोहर राशि के अंतर का चिटफंड कंपनियों के द्वारा भुगतान किया जाए।
जिला प्रशासन द्वारा ओआईसी को नियुक्त किए जाने से चिटफंड के निवेशकों के लिए राहत की उम्मीद जगी है। हम जल्द से जल्द स्थगन रद्द करा लेंगे। एमपीएस रघुवंशी,अतिरिक्त महाधिवक्ता, हाईकोर्ट