इस बार 472 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले, 5 साल में 2% बढ़े

इस बार 472 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले, 5 साल में 2% बढ़े

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे ढाई हजार प्रत्याशियों में से 472 (19 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह संख्या पांच साल में दो फीसदी बढ़ी है। वहीं संपत्ति का ब्योरा देने वालों में 727 उम्मीदवार करोड़पति हैं। 12 ऐसे भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनके पास कुछ भी संपत्ति (शून्य) नहीं है। इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स-एडीआर ने गुरुवार को विधानसभा चुनाव लड़ रहे सभी 2,533 प्रत्याशियों की कुंडली जारी की। संस्था के अरुण गुर्टू ने पत्रकार वार्ता में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन प्रदेश में इसे दरकिनार कर दिया गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 17 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे। जबकि इस चुनाव में 11 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 10 प्रत्याशियों ने हत्या और 17 ने हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज होने की जानकारी अपने शपथ पत्र में दी थी। इनमें कांग्रेस के सबसे ज्यादा 61 और भाजपा के 23 उम्मीदवार हैं। महिलाओं पर अत्याचार करने वाले भी मैदान में एडीआर की अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि 24 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ महिला अत्याचार संबंधी कई प्रकरण थानों में दर्ज हैं।

सभी प्रत्याशियों में 1,233 बारहवीं तक पढ़े

कुल उम्मीदवारों में 1,105 (44 प्रतिशत) स्नातक और इससे ज्यादा शिक्षित हैं, जबकि 28 डिप्लोमा धारक हैं। 1,233 (49 प्रतिशत) उम्मीदवार पांचवीं और 12वीं के बीच की योग्यता रखते हैं। वहीं 134 ने शैक्षिक योग्यता साक्षर और 28 ने असाक्षर घोषित की है। 6 प्रत्याशियों ने शैक्षिक योग्यता ही नहीं बताई है। बुधनी में सबसे उम्रदराज प्रत्याशी : बुधनी से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रशीद सबसे उम्र दराज (82 साल) के हैं। इनके बाद लहार से बसपा प्रत्याशीरसाल सिंह 81 वर्ष के हैं।

  भाजपा-कांग्रेस में ऐसे बढ़े प्रत्याशी
चुनाव वर्ष         दल        विश्लेषित प्रत्याशी    आपराधिक   मामले        %
    2018            भाजपा                  220                                65                            30
                          कांग्रेस                  223                               108                           48
                           बसपा                  214                                  37                           17
   2023             भाजपा                 230                                  65                           28
                          कांग्रेस                 230                                 121                          53                    
                           बसपा                 181                                   22                           12