इस बार राजस्थान और कोलकाता से आए दीयों से रोशन होगी संस्कारधानी
जबलपुर। दीपावली पर्व पर इस बार संस्कारधानी राजस्थान और कोलकाता, पश्चिम बंगाल से आए दीयों से रोशन होगी। सबसे ज्यादा मांग मिट्टी से बने डिजायनर दीयों की है, जिसे देखते हुए लोकल व्यापारियों ने तरह-तरह के फैन्सी आयटम बुलाए हुए है। दीपावली आने वाली है। शहर में मुख्य सड़कों,उपनगरीय इलाकों में जगह-जगह दीयों और सजावटी सामानों की दुकानें नजर आने लगी हैं। देखने वाली बात यह है कि स्थानीय बने दीयों को बनाने वाले कुंभकार दिक्कत में हैं। दूसरे राज्यों से आने वाली डिजाइनर दीये उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर रहे हैं। गनीमत है कि परंपरागत रूप से दीपावली में लक्ष्मी पूजन में स्थानीय दीयों की ही जरूरत होती है लिहाजा उनके दीये भी बिक तो रहे हैं मगर बेहद कम।
पनागर, मझौली से आ रहे देशी दीया
डिजायनर दीयों के साथ दीपावली पर्व पर देशी दीयों की मांग इस बार ज्यादा होने को देखते हुए पनागर, मझौली, गोसलपुर से बड़ी खेप बुलाई गई। गोलबाजार में दीया बेचने स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि डिजायनर दीयों के साथ इनकी डिमांड भी बढ़ रही है लोकल से बुलाने में ज्यादा फायदा है। साथ ही स्थानीय कुम्हारों का भी व्यापार बढ़ेगा इसे देखते हुए ज्यादातर देशी दीयों की खरीदी जिले के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से की जा रही है।
सजावटी आयटमों से सज गया गोलबाजार
दीपावाली पर्व को देखते हुए घरों में सजावटी आयटम से गोलबाजार सज गया है। स्थानीय छोटे व्यापारियों ने अभी से फुटपाथ पर आर्टिफिशियल फ्लावर, सजावटी दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति के स्टॉल लगा लिए है। हालांकि अभी इन स्टॉलों में ग्राहक कम है लेकिन दुकानदारों का कहना है कि दो दिन बाद ग्राहकी तेज हो जाएगी।
डिजायनर दीया 5 रुपए से लेकर 200 रुपए तक
दीया व्यापारी शनि सिंह ठाकुर ने बताया डिजायनर दीयों की डिमांड को देखते हुए पश्चिम बंगाल व कोलकाता से पूरा माल बुलाया है। इसमें 5 रुपए प्रति दीया से लेकर 200 रुपए तक के दीया है। अभी ग्राहक कम है लेकिन दीपावली के पास आते ही ग्राहकी बढ़ेगी उसके हिसाब से ही माल बुलाया गया है। साथ ही सजावटी मिट्टी के आयटम में इस बार घंटी, लालटेन, लैंप को भी ग्राहकों के लिए रखा गया है।