चुनाव में उतरने के बाद मैदान नहीं छोड़ते थर्ड जेंडर

चुनाव में उतरने के बाद मैदान नहीं छोड़ते थर्ड जेंडर

अशोक गौतम- भोपाल। चुनाव में उतरने के बाद थर्ड जेंडर मैदान नहीं छोड़ते हैं। ये उतनी ही संजीदगी से नामांकन पत्र भी दाखिल करते हैं। शहडोल जिले के सोहागपुर से शबनम मौसी पहली किन्नर विधायक निर्वाचित भी हो चुकी हैं। इस बार भी बड़ा मलहरा से आम आदमी पार्टी ने चंदा दीदी को प्रत्याशी बनाया है। भोपाल से भी किन्नरों के चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी है। मध्य प्रदेश में थर्ड जेंडर मतदाता 1,373 हैं। पिछले चुनाव में इंदौर-1, होशंगाबाद, जयसिंह नगर, दमोह, अम्बाह से एक-एक थर्ड जेंडर चुनाव मैदान में उतरे थे। पांचों चुनाव मैदान में डटे रहे। इसके पहले (2013 में) सिर्फ एक थर्ड जेंडर ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन नामांकन रिजेक्ट होने के कारण चुनाव मैदान में नहीं उतर पाया। 56 महिलाओं ने नामांकन वापस लिया था।

कंचन सेंद्रे करेंगी प्रचार: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से कई थर्ड जेंडर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के थर्ड जेंडर कल्याण बोर्ड की सदस्य कंचन सेंद्रे चुनाव प्रचार के लिए आ रही हैं।

थर्ड जेंडर को भी प्रतिनिधित्व करने में आगे आना चाहिए। सरकार जब मान्यता और अधिकार दिए हैं, तो इसका उन्हें चुनाव लड़कर लाभ उठाना चाहिए। - संजना सिंह, (थर्ड जेंडर) समाजसेवी, भोपाल