भारत में 2050 में बच्चों से ज्यादा होंगे बुजुर्ग

भारत में 2050 में बच्चों से ज्यादा होंगे बुजुर्ग

नई दिल्ली। भारत में उम्रदराज लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस सदी के मध्य तक देश में बूढ़ों की संख्या बच्चों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी। यह चौंकाने वाला खुलासा यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की इंडिया एजिंग रिपोर्ट-2023 में किया गया है। फिलहाल भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा किशोरों और यंग लोगों की आबादी है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 2012 में 10.1 फीसदी थी। यह साल 2036 तक 15 फीसदी और साल 2050 तक 20.8 फीसदी हो जाने की संभावना है। सदी के अंत तक बुजुर्गों की संख्या 36 फीसदी होगी।

क्या है एजिंग इंडेक्स

एजिंग इंडेक्स 15 साल से कम उम्र के प्रति 100 बच्चों पर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या है। यह अनुपात जितना ज्यादा होता है, उतनी ही ज्यादा किसी देश में बुजुर्ग लोगों की संख्या होती है।

रिपोर्ट में और क्या

  • रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में प्रति 100 बच्चों पर भारत में 39 बुजुर्ग लोग थे। 
  • इसके साथ ही भारत में प्रति 100 कामकाजी लोगों (15 से 60 साल) पर 16 बुजुर्ग हैं। 
  • दक्षिण के राज्यों में कम फर्टिलिटी रेट के कारण बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
  • दक्षिण और पश्चिम भारत की तुलना में उत्तर-पूर्वी भारत में यंग लोगों की संख्या ज्यादा है। इसका कारण ज्यादा फर्टिलिटी रेट है।

रिपोर्ट पॉलिसी मेकर्स, स्कॉलर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के लिए जानकारी का बड़ा स्रोत है। यह बुजुर्गों की केयर में लगे लोगों के लिए भी काफी उपयोगी है। - एंड्रिया. एम. वेजनर, यूएनएफपीए कंट्री डायरेक्टर