महू घटना की होगी मजिस्ट्रियल जांच, पीड़ित परिवार को देंगे 10 लाख रुपए
भोपाल। इंदौर के महू में बुधवार को एक आदिवासी युवती की मौत और उसके बाद पुलिस के गोली चलाने के दौरान युवक की मृत्यु का मामला गुरुवार को सदन में गर्माया रहा। विपक्ष ने आदिवासियों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया, तो सत्ता पक्ष ने भी कांग्रेस सरकार में हुई घटनाओं को सामने लाने की बात कही। दोनों पक्षों में नोक-झोंक और हंगामे की बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। मृतक के बड़े भाई को मिलेगी सरकारी नौकरी :उधर,सदन में हंगामा और विपक्ष के बहिर्गमन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्वीट सोशल मीडिया पर आया। मुख्यमंत्री ने गोली लगने से युवक की मौत मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए और परिवार के बड़े बेटे को नगर परिषद में शासकीय नौकरी दी जाएगी। परिवार के तीन बच्चों की समुचित शिक्षा के लिए जनजातीय छात्रावासों में संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार के पास प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले से ही आवास है, उसे रेनोवेट कराने की व्यवस्था भी की जाएगी। मृतक के दाह संस्कार के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा
5 थाना क्षेत्रों में धारा 144
वहीं इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि एडीएम अजय देव शर्मा को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही 5 थाना क्षेत्रों में धारा 144 प्रभावशील करते हुए रैली, धरना, प्रदर्शन आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त रूप से मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। कमिश्नर ने भी गुरुवार को बड़गोंदा थाना क्षेत्र के चयनित क्षेत्रों का दौरा भ्रमण किया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे बाद क्षेत्र में शांति का माहौल एक बार नजर आया।
आदिवासी युवती की मौत से शुरू हुआ था बवाल
बुधवार को खरगोन के मंडलेश्वर थाना क्षेत्र के गांव की आदिवासी युवती की मौत महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र के गवली पलासिया गांव में हो गई थी। परिजनों ने डोंगरगांव पुलिस चौकी के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि युवती की गैंगरेप के बाद हत्या की गई। हालांकि पुलिस का कहना था कि युवती की मौत करंट लगने से हुई है। फिर भी गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए फायरिंग भी की गई। इस दौरान गोली लगने से आदिवासी युवक भेरूलाल की मौत हो गई।