शासकीय आयोजनों के भोजन में एक व्यंजन मोटे अनाज का होगा

शासकीय आयोजनों के भोजन में एक व्यंजन मोटे अनाज का होगा

भोपाल। प्रदेश में राज्य मिलेट मिशन योजना लागू होगी। इसके अंतर्गत अब राज्य में कहीं भी सरकारी आयोजनों के दौरान भोजन व्यवस्था में एक व्यंजन मोटे अनाज का अनिवार्य होगा। मिलेट मिशन योजना को लागू करने के लिए मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दे दी गई। यह योजना दो वर्ष (2023- 24 एवं 2024-25) के लिए होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में मिलेट मिशन योजना को लागू करने के लिए मंजूरी देते हुए 2 वर्षों में 23.25 करोड़ रुपए व्यय करने का निर्णय लिया गया। योजना के तहत किसानों को मोटे अनाज के उन्नत प्रमाणित बीज सहकारी तथा शासकीय संस्थाओं से 80 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किए जाएंगे।

मिलेट को बढ़ावा देने चलेगा अभियान

मिलेट फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिए किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं राज्य के बाहर अध्ययन भ्रमण होंगे। जिला एवं राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, सेमीनार, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किए जाएंगे। प्रदेश में शासकीय कार्यक्रमों में जहां भोजन की व्यवस्था की जाती है, एक व्यंजन मोटे अनाज का भी रखा जाएगा। छात्रावास व मध्याह्न भोजन में सप्ताह में एक दिन मोटे अनाज का उपयोग हो, इसकी व्यवस्था की जायेगी।

गेहूं निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी संशोधन मंजूर

कैबिनेट ने गेहूं निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी विभागीय अधिसूचना 7 अप्रैल 2022 में संशोधन की स्वीकृति दी। इसके अनुसार, प्रदेश के किसी भी कृषि उपज मंडी क्षेत्र में निर्यात के उद्देश्य से क्रय की गई अधिसूचित कृषि उपज गेहूं पर मंडी फीस की प्रतिपूर्ति का लाभ प्रदान करने पर विचार किया जाएगा। मंडी फीस की प्रतिपूर्ति, अधिसूचित कृषि उपज गेहूं की भुगतान पत्रक से क्रय की गई मात्रा पर प्राप्त होगी। देश के अन्य राज्यों से व्यापारियों द्वारा वाणिज्यिक प्रयोजन के अनुक्रम में क्रय एवं विक्रय की गई अधिसूचित कृषि जिन्स पर मंडी फीस की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी। मंडी फीस की प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा। मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का वहन मंडी बोर्ड के बजट प्रावधान के कृषि उपज निर्यात प्रोत्साहन मद से किया जाएगा।

प्रदेश के ट्रांसजेंडर को ओबीसी का दर्जा

ट्रांसजेंडर को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 93 के बाद क्रमांक 94 में सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति दी गई। प्रदेशभर में करीब 25 हजार किन्नर हैं। ट्रांसजेंडर संजना सिंह का कहना है कि सरकार का निर्णय अच्छा है। ओबीसी का दर्जा मिलने से योजनाओं और सरकारी नौकरी में आरक्षण मिल सकेगा।

उज्जैन में डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना स्वीकृत

उज्जैन में डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई। इसकी लागत 104.74 करोड़ रुपए है। इससे 3 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। परियोजना से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से उज्जैन के महिदपुर विकासखंड के 8 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इसकी लागत 44.90 करोड़ व सिंचाई क्षेत्र 3 हजार 700 हेक्टेयर होगी।