नगर निगम के परिषद सम्मेलन में जमकर हुआ हंगामा, कांग्रेस ने किया वाकआउट
इंदौर। छह माह बाद निगम के परिषद का ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन हुआ। इसमें 40 से अधिक विषय रखे गए थे। विषयों पर चर्चा होती इसके पहले ही कांग्रेस ने हंगामा बरपाकर वाकआउट कर दिया, जिससे सम्मेलन मात्र 45 मिनट में खत्म हो गया। हालांकि, सभापति द्वारा रखे गए सभी विषयों पर सहमति बन गई। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले निगम ने पूर्व में रखे गए एजेंडों पर विपक्ष के साथ सकारात्मक बातचीत कर सहमति की कोशिश की। बता दें कि सम्मेलन के विषय एक सप्ताह पहले तय कर दिए थे।
टाइट टू टाइम चर्चा
- परिषद के समय सुबह 11 बजे रखा गया था।
- 11.10 बजे सभापति ने देशभर के दिवंगतों को श्रद्धाजंलि दी।
- 11.25 पर राष्ट्रगान हुआ।
- 11.30 बजे पांच मिनट का ब्रेक लिया गया।
- 11.35 पर एक घंटे का प्रश्नकाल रखा गया।
- 11.36 पर विपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने प्रश्नकाल शुरू किया।
- 11.37 से हंगामा होता रहा, जो कुछ-कुछ देर में शांत हुआ।
- 11.55 बजे सभापित ने हंगामे के चलते प्रश्नकाल को विराम दिया।
- 12 बजे सभापति ने विषय पटल पर रखे।
- 12.10 तक सभी विषयों पर सहमति बन गई।
- 12.15 बजे राष्ट्रगीत के साथ परिषद खत्म हुई।
निगम के इतिहास में दर्ज
अभी तक निगम के जितने भी कार्यकाल रहे, सभी में परिषद की बैठक 4 से 5 घंटे तक चली। हर बार विपक्ष ने हंगामा बरपाया, लेकिन ऐसी स्थिति पहली बार निर्मित हुई, जब मात्र कुछ देर में ही सम्मेलन खत्म करना मजबूरी बन गया। यह परिषद निगम के इतिहास में दर्ज होगा।
हम मुंह दिखाने आए-नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के प्रश्नकाल के दौरान जब हंगामा हुआ तो सभापति ने उन्हें विषय रखने की बात कही। इस पर चौकसे ने कहा, हम कांग्रेसी तो मुंह दिखाने आए हैं। नेता प्रतिपक्ष की यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
जनहित की बात नहीं रखी-महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि विपक्ष ने शहरहित और जनहित में विषयों पर चर्चा नहीं की। वे केवल दोषारोपण ही करते रहे। प्रश्नों के उत्तर भी नहीं सुने, जिससे आमजन में कांग्रेस के रवैया का गलत प्रभाव पड़ा है।
यह रहे सवाल-जवाब
- सवाल-नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि नलों में गंदा पानी आ रहा है।
- जवाब- इस पर जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा ने तार्किक उत्तर दिया।
- सवाल- फौजिया शेख अलीम ने पूछा कि परिषद की बैठक निर्धारित समय दो माह में क्यों नहीं बुलाई जाती।
- जवाब-महापौर ने उन्हें निगम और कोर्ट की धाराओं को उल्लेख कर जवाब दिया।
पप्पू और फेंकू पर विवाद की स्थिति
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सवाल-जवाबों पर हंगामा किया। कांग्रेस की ओर से जहां प्रधानमंत्री को फेंकू बताया गया तो भाजपाइयों ने राहुल गांधी को पप्पू बताया। इस पर विवाद की स्थिति भी बनी। दोनों पक्षों के नेता सभापति की आसंदी तक पहुंच गए, बमुश्किल मामला शांत हुआ।