भाजपा में टिकट की राह नहीं आसान सर्वे-रायशुमारी से तय होंगे नाम
सत्ता-संगठन ने करा लिए 8 मैदानी सर्वे, आनुषांगिक संगठन की रिपोर्ट भी मांगी
भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में मिशन 2023 के लिए टिकट की राह आसान नहीं रही। चुनाव की मैदानी तैयारी, रणनीति और प्रबंधन से लेकर निर्णायक मुद्दों पर सत्ता-संगठन के प्रमुख नेता सभी 230 सीटों का कई स्तर पर फीडबैक ले चुके हैं। हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी चयन का अलग प्लान है। 2-3 केंद्रीय मंत्री व सांसदों को मैदान में उतारा जा सकता है। पिछले चुनाव नतीजों के चलते इस बार टिकट का सख्त क्राइटेरिया रखा है। मैदान में नए चेहरे ज्यादा नजर आएंगे। सत्ता-संगठन के प्रमुख नेताओं ने 8 अलग-अलग सर्वे में हर सीट पर जीत-हार की संभावनाएं टटोल ली हैं। अगले चरण में टिकट वितरण के पहले रायशुमारी की कवायद भी होगी। पिछली बार भाजपा ने बड़े नेताओं को क्षेत्रों में भेजकर यह फॉर्मूला लागू किया था। इसमें क्षेत्र के पदाधिकारियों व वरिष्ठ नेताओं से बंद लिफाफे में स्वयं को छोड़ तीन संभावित दावेदारों के नाम मांगे गए थे। प्रदेश में संभवत: यह पहला मौका है जब सत्ता-संगठन ने चुनाव को लेकर 8 तरह के सर्वे कराए हैं। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 सीटों के अलावा लगभग इतनी ही जनजाति बहुल क्षेत्र की अन्य सीटों पर मैदानी हकीकत का सही आकलन कराने वनवासी कल्याण परिषद की मदद ली जा रही है। वनवासी क्षेत्रों में काम कर रहे आरएसएस के आनुषांगिक संगठन की रिपोर्ट को भी टिकट का आधार बनाया जाएगा, क्योंकि पिछले चुनाव में भाजपा को डेढ़ दर्जन से अधिक सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था।
बूथ विस्तारक ले चुके फीडबैक
प्रदेश में भाजपा 8 तरह के सर्वे करा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 27 जून को अल्पकालीन बूथ विस्तारकों को टिप्स देकर प्रदेश के सभी जिलों में रवाना किया था। इन विस्तारकों ने एक सप्ताह तक सभी जिलों में घूमकर रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेज दी। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर सीट के तीन अलग-अलग सर्वे रिपोर्ट ले चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा ने भी सभी क्षेत्रों का चुनावी फीडबैक ले लिया है। इनके अलावा प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने भी अपने स्तर पर कराए गए सर्वे में हर सीट का चुनावी और सियासी गणित का ब्योरा मंगा लिया है।
केंद्रीय मंत्री और सांसदों पर दांव
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार हारी हुई सीटों पर दो-तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित चुनिंदा सांसदों पर भी दांव लगा सकती है। मंत्रियों में फग्गन सिंह कुलस्ते और वीरेंद्र खटीक सहित सांसद राव उदयप्रताप सिंह, गणेश सिंह, संध्या राय, दुर्गादास उइके, और हिमाद्री सिंह के नामों की चर्चा है।