7 दिनों में है अधिनियम में एमआईसी गठन का नियम, आज हो सकती है लिस्ट जारी

7 दिनों में है अधिनियम में एमआईसी गठन का नियम, आज हो सकती है लिस्ट जारी

जबलपुर। महापौर के कांग्रेस से भाजपा में जाने की तारीख 7 फरवरी थी,अब 14 फरवरी आ चुकी है। नगर निगम अधिनियम में एमआईसी के गठन का नियम 7 दिनों के अंदर का है। संभावना है कि मंगलवार को इस बारे में निर्णय लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि रविवार को भाजपा पार्षद दल की बैठक हो चुकी है और इसमें एमआईसी के नामों पर भी चर्चा हुई है। इस बारे में महापौर ने सोमवार को नगर निगम के विधि अधिकारी श्री अनुभोरे और पूर्व विधि अधिकारी अनिल मिश्रा को इस बारे में चर्चा करने भी बुलाया गया था।

नगर निगम में इसके पहले नगर सत्ता कांग्रेस के हाथों में थी, लेकिन कांग्रेस को छोड़ भाजपा में महापौर जगत बहादुर सिंह के शामिल होते ही अब नगर सत्ता भाजपा के हाथों में आ गई, जिससे अब केन्द्र, प्रदेश और नगर में भाजपा की सरकार हो गई। जिससे अब ट्रिपल इंजन की सरकार के तहत विकास को पंख देने का दावा महापौर के द्वारा किया जा रहा है। वहीं ट्रिपल इंजन की इस नगर सरकार में तमाम पार्षद बड़ी ही बेताबी से मेयर इन काउंसिल में शामिल होने का जुगाड़ जमा रहे हैं।

गुपचुप चल रहीं जी-तोड़ कोशिश

बताया जा रहा है कि एमआईसी सदस्य बनने के लिए भाजपा के पार्षदों की दौड़ बहुत तेज हो गई, सभी भाजपा के पार्षद, भाजपा संगठन, मंत्री, विधायक व अपने-अपने नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि उन्हें नगर सरकार में मेयर इन काउंसिल का पद मिल सके। इसके लिए तमाम पार्षद एमआईसी बनने कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं और तरह-तरह के जतन करते हुए भी देखे जा रहे हैं, अब देखना यह होगा कि किसके सिर पर मेयर इन काउंसिल की ताजपोशी होगी।

मेयर के लिए एमआईसी जरूरी

बताया गया है कि महापौर जगत बहादुर सिंह के भाजपा में आते ही उन्हें शहर विकास के कार्यों को रफ़्तार देने के लिए मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की जरूरत होगी, उनके साथ ही नगर विकास का कार्य कर पाना संभव होगा, इसलिए महापौर भी जल्द मेयर इन काउंसिल का गठन करना चाह रहे हैं, इसके लिए वह भाजपा नगर संगठन से पार्षदों के नामों के आने का इंतजार कर रहे हैं।

वरिष्ठों को मिलेगा लाभ

नगर निगम के गलियारों में चर्चा है कि मेयर इन काउंसिल का पद भाजपा नगर संगठन की अनुशंसा पर ही मिलेगा, वहीं इसके लिए वरिष्ठ पार्षदों के नाम सबसे आगे होना बताया जा रहा है, जिनको अनुभव के आधार पर जल्द एमआईसी का पद दिया जाएगा, एमआईसी सदस्य बनाने के लिए महापौर अपनी मर्जी से नामों का चयन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि भाजपा में संगठनात्मक कार्य होते हैं, इसलिए महापौर को भाजपा के संगठन के अनुसार ही प्रत्येक कार्य करना होगा।

चहेते हो सकते हैं उपकृत

वहीं चर्चा तो इस बात की है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के चहेतों को ही एमआईसी सदस्य का पद मिलेगा, वरिष्ठ नेतागण अपने-अपने चहेते पार्षद को मेयर इन काउंसिल बनाएंगे, इसके लिए उन्होंने पहले से ही अपने-अपने पार्षदों के नाम पर मुहर लगा दी है, लेकिन नेताओं को भी संगठन की सहमति लगेगी, इसके लिए वे सभी नेता भी संगठन से मुहर लगने का इंतजार कर रहे हैं।

फिलहाल में यह नाम दौड़ में दिख रहे आगे

चर्चाओं के अनुसार वरिष्ठ पार्षद कमलेश अग्रवाल, महेश राजपूत, विमल राय, विवेक राम सोनकर, जीतू कटारे, सुभाष तिवारी, प्रिया संजय तिवारी, निशा संजय राठौर, सोनिया रंजीत सिंह, कविता रैकवार, रजनी कैलाश साहू, दामोदर साहू, संतोषी ठाकुर, माधुरी सोनकर, अतुल जैन सहित अन्य पार्षदों के नाम मेयर इन काउंसिल पद के लिए सबसे आगे आते हुए दिख रहे हैं, वहीं प्रत्येक विधानसभा से भी पार्षदों को एमआईसी सदस्य बनाने के विषय पर विचार विमर्श जारी है, लेकिन यह तो मेयर इन काउंसिल के गठन के बाद ही तय हो पाएगा कि कौन-कौन पार्षद एमआईसी सदस्य बनता है या नहीं।

चौंकाने वाले भी नाम आ सकते हैं सामने

बताया गया है कि नगर सरकार में नगर मंत्री बनने के लिए दौड़ लगा रहे पार्षदों में से कुछ ही पार्षदों को एमआईसी सदस्य का पद मिलेगा, वहीं केन्द्र के समान जिस तरह से मप्र में सरकार में मंत्रियों को दायित्व दिया गया, ठीक उसी तरह से पार्षदों के नाम भी मेयर इन काउंसिल में चौकाने वाले होंगे, हो सकता है एमआईसी में युवा व नए चेहरों को कमान दी जाए।