कचरा कलेक्शन में पर्याप्त वाहन नहीं लग रहे, बाहर से मंगवा कर बना रहे बिजली
जबलपुर। शहर में कचरे का अंबार है पर बजाय कचरा कलेक्शन में पर्याप्त वाहन लगवाने के कठौंदा स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट दूसरे राज्यों से कचरा बुलवा रहा है। संक्रमण के बीच बाहर से आने वाला कचरा अनलोडिंग के दौरान बड़ा खतरा तो बन ही सकता है साथ ही यह पैसों का अपव्यय भी है। प्रतिदिन 10 से 12 हाईवा में भरकर कचरा यूपी,गुजरात व भोपाल से आ रहा है। जिसके परिवहन में भारी खर्च हो रहा है।
शहर से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन 300 टन से पार नहीं पहुंच रहा है। यदि सही तरीके से कचरा कलेक्शन हो तो कंपनी को बाहर से कचरा न मंगवाना पड़े। दरअसल कठौंदा में 2016 में एस्सेल कंपनी द्वारा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की स्थापना की गई थी जिसके लिए नगर निगम से अनुबंध किया गया था कि प्रतिदिन 650 टन कचरा देगा। शहर से 450 टन कचरा तक परिवहन किया जाता रहा है मगर विगत कुछ समय से इसकी मात्रा घटकर 300 टन रह गई। ऐसे में प्लांट में प्रतिदिन होने वाली 11.5 मेगावाट बिजली उत्पादन पर संकट गहरा गया। ऐसे में कंपनी ने बाहर से कचरा मंगवाना शुरू किया।
कचरा उठाने में कोताही
शहर से कचरा न निकलने का दावा करने वाले शायद शहर में घूमते नहीं हैं। हर गली-कू चे,मुख्य बाजारों में कचरा अटा पड़ा नजर आ जाएगा। हैरत की बात तो यह है कि एस्सेल कंपनी के पास ही डोर टूडोर कचरा उठाने का ठेका है। आधे से ज्यादा टिपर खराब हैं। यदि वह अपने सभी टिपर मरम्मत करवाकर पूर्व की तरह कचरा कलेक्ट करवाए तो उसे बाहर से कचरा नहीं मंगवाना पड़े।
कचरे का गणित
कंपनी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करीब 300 टन कचरा कर रही है जिसक लिए ननि उसे 4 लाख 27 हजार 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करती है। वहीं बाहर से कचरा बुलाने में उसे करीब ढाई लाख रुपए प्रतिदिन भुगतान करना पड़ रहा है। 70 टन कचरा बाहर से प्रतिदिन बुलाया जा रहा है। प्रदेश शासन से प्रति यूनिट 6 रुपए के हिसाब से अनुबंध है। 11.5 मेगावाट बिजली प्रतिदिन बनती है। कचरा बाहर से बुलवाने के बाद भी कंपनी को घाटा नहीं है।
कहां से कितना आ रहा कचरा
- 300 टन कचरा शहर से मिल रहा इसके लिए ननि से मिलते हैं प्रतिदिन के 4.2 लाख
- 15से 20 टन कचरा गुजरात से आ रहा,कंपनी को लग रहा 2 लाख प्रतिदिन भाड़ा
- 2 से 3 टन कचरा भोपाल से, कंपनी को लग रहा 25 हजार रुपए प्रतिदिन भाड़ा
- 5 से 6 टन कचरा यूपी से,कंपनी को प्रतिदिन लग रहा 40 हजार रुपए भाड़ा
- 30 से 40 टन कचरा पुराना उपयोग हो रहा
शहर से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को जरूरत के मुताबिक कचरा नहीं मिल पा रहा है इसलिए बाहर से कचरा कंपनी मंगवा रही है। प्लांट को 650 टन कचरा प्रतिदिन चाहिए और शहर से 300 टन कचरा ही वर्तमान में निकल रहा है। भूपेन्द्र सिंह,प्रभारी स्वच्छता सेल,ननि।