अमरनाथ कॉलोनी की महिलाएं पिछले 10 साल से शहरवासियों को डेंगू के प्रति कर रहीं अलर्ट
कोलार की महिलाएं जागरूकता अभियान के साथ डेंगू पीड़ित गरीब बच्चों का करवातीं हैं इलाज
कोलार स्थित अमरनाथ कॉलोनी महिला मंडल की महिलाएं सेवा के क्षेत्र में सराहनीय काम कर रही हैं। मंडल की महिलाएं डेंगू और मलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए क्षेत्र में अभियान चलाकर पंपलेट बांटती हैं। साथ ही डेंगू पीड़ित गरीब बच्चों का डॉक्टर से इलाज भी करवाती हैं। इसके अलावा गायों के सींग में रेडियम लगाने का काम भी करती हैं। मंडल की सदस्य साधना श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभियान पिछले 10 साल से लगातार चलाया जा रहा है, यह अभियान सीजन के अनुसार चलाया जाता है, पिछले महीने से लगातार यह जागरूकता अभियान कोलार में चलाया जा रहा है, क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में जाकर लोगों को बचाव के उपाय बता रहे हैं। जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाने का लिया था संकल्प : एक दशक पहले कोलार में डेंगू के कारण कई लोगों की जान चली गई थी। सर्वधर्म, दमखेड़ा, राजहर्ष समेत कई इलाकों में डेंगू के लार्वा हर घर से मिले थे। वह मंजर बहुत ही खतरनाक था, हर दूसरे घर में लोग डेंगू की चपेट में थे, तब कॉलोनी की महिला मंडल ने संकल्प लिया कि जानलेवा बीमारी से लोगों की जान बचाने के लिए हर साल जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग डेंगू के प्रति जागरूक हो सकें।
अपने खर्च पर कर रहीं जनहित से जुड़े काम
अमरनाथ महिला मंडल 16 महिलाओं का एक समूह है, जो अपने खर्च पर जनहित के काम करती हैं। जनहित के काम में हर साल 10 से 15 हजार रुपए खर्च होते हैं। इसमें पंपलेट छपवाना, रेडियम लेना और गरीब बच्चों के इलाज पर राशि खर्च होती है।
बच्चों का इलाज और गाय की सींग पर लगाए रेडियम
कॉलोनी की महिलाएं जागरूकता अभियान के अलावा, गरीब बच्चों का डॉक्टर से इलाज करवाती हैं। महिलाओं ने कई बच्चों की इस तरह जान भी बचाई है। इसके अलावा सड़क पर घूमती गायों के सींग पर रेडियम लगाने का काम यह महिलाएं स्वयं करती हैं।
इनका कहना है
समाज के प्रति हमारा भी एक दायित्व बनता है कि हम अपने रोजमर्रा के कामों के अलावा कुछ अलग हट कर काम करें, इससे खुशी मिलती है। साधना श्रीवास्तव, समाजसेवी
हमारा समूह सिर्फ किटी पार्टी तक सीमित नहीं है। हम सब मिलकर समाज के प्रति जनहित के कार्य भी करते हैं। यह काम करके हमें गर्व महसूस होता है। ज्योति वर्मा, समाजसेवी
समाजहित से जुडे कामों को करने में हमारे समूह की महिलाओं को किसी बात की झिझक नहीं होती। परिवार के सदस्य भी इस नेक काम में मदद करते हैं। राखी परमार, समाजसेवी