बंद पड़ी जेसी मिल का भोपाल से आई टीम ने लिया जायजा
ग्वालियर। 1992 से बंद जेसी मिल के श्रमिकों की बकाया राशि की समस्याओं का समाधान इंदौर के हुकुमचंद मिल की तर्ज पर होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दिए गए निर्देश के बाद जेसी मिल के श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के प्रयास शुरू हो गए हैं। इस कड़ी में भोपाल से आए अधिकारियों के दल ने जेसी मिल क्षेत्र का भ्रमण कर वस्तुस्थिति जानी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की मौजूदगी में जेसी मिल श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर श्रमिकों के स्वत्वों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के अपर आयुक्त शैलेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में भोपाल से आए दल में इंदौर के हुकुमचंद मिल प्रकरण की सीए फर्म मैसर्स मुच्छल एण्ड गुप्ता के प्रतिनिधि संतोष मुच्छल व नटराज दोशरे व भारतीय स्टेट बैंक भोपाल के एजीएम व मैनेजर सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
बैठक में भोपाल से आए दल को जानकारी दी गई कि जेसी मिल श्रमिकों की देनदारी लगभग 80 करोड़ रुपए एवं बैंकों का लोन मिलाकर लगभग 180 करोड़ रुपए की जरूरत स्वत्वों के निराकरण की योजना को मूर्तरूप देने में होगी। इस दौरान कलेक्टर सिंह ने जेसी मिल की समस्त भूमि का जल्द सर्वे करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जेसी मिल क्षेत्र में स्थित प्रत्येक आवास व अन्य परिसम्पत्तियों को सर्वे में शामिल करें। उन्होंने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी लश्कर को समस्त देनदारी एवं जेसी मिल की परिसम्पत्ति डिटेल का खसरेवार प्रजेंटेशन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
अपर कलेक्टर के साथ दल ने किया निरीक्षण
कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में शुक्रवार को अपर कलेक्टर अंजू अरूण कुमार के नेतृत्व में भोपाल से आए अधिकारियों के दल ने एक बार फिर से जेसी मिल क्षेत्र में पहुंचकर मौके का बारीकी से जायजा लिया।
जेसी मिल के मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा की थी। इसके बाद हाल ही केबिनेट में भी हमने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा था, जल्द ही जेसी मिल के प्रकरण में हम काफी बड़ी राहत सरकार के माध्यम से देंगे। प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री मप्र शासन