हिंदी में एमबीबीएस पढ़ाई की सफलता मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय: सारंग
भोपाल। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई का पहला साल हो गया। अब हमारा फोकस सेकंड ईयर पर है। इसके लिए ‘वार-रूम’ की मंदार टोली काम कर रही है। दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित मेडिकल एकेडमिक रिसर्च जर्नल ‘लैंसेट’ ने हमारे इस नवाचार की तारीफ में आलेख पब्लिश किया है। मेडिकल के क्षेत्र में गीता-बाइबल जैसी अहमियत रखने वाले ‘लैंसेट’ ने यह भी कहा है कि वह अपना जर्नल हिंदी में लेकर आएगा। ऐसा हुआ तो मप्र के लिए गौरव और हिंदी में एमबीबीएस कर रहे छात्रों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जटिल सर्जरी थ्री-डी स्क्रीन पर देखी जाएगी। मेडिकल छात्रों को सिमुलेटर पर सर्जरी की प्रेक्टिस के साथ वर्चुअल डिसेक्शन की सुविधा भी मिलेगी। अस्पतालों में जल्दी ही ‘मरीज मित्र’ भी दिखाई देंगे। सारंग ‘पीपुल्स समाचार’ के ‘गेस्ट इन द न्यूज रूम’ कार्यक्रम में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने विभाग के नवाचार, भावी योजनाएं, मेडिकल कॉलेजों की सीट-सुविधाएं और सियासत से जुड़े सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए। पेश है उनसे चर्चा के अंश...
???? हिंदी में मेडिकल पढ़ाई का फीडबैक कैसा रहा, इसके बाद अब नया क्या है?
जवाब- जबरदस्त रिस्पॉन्स है, बॉयोकेमिस्ट्री (पुरी) और एनाटॉमी (विश्राम सिंह) की पाठ्य पुस्तकों को हमने हिंदी में ट्रांसलिट्रेट कराया। उसे चिकित्सा विशेषज्ञों की सराहना मिली है। खासतौर पर ‘लैंसेट’ की प्रतिक्रिया से हम बेहद उत्साहित हैं। मूल्य आधारित शिक्षा देने सुश्रुत, गांधीजी, डॉ. हेडगेवार, स्वामी विवेकानंद, डॉ.आंबेडकर और सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्व भी पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं।
सवाल- मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ, बिस्तरों की कमी और असुविधाओं पर क्या कहेंगे?
जवाब- मेडिकल कॉलेजों में भरपूर स्टाफ के साथ बिस्तरों की संख्या काफी बढ़ गई है। भोपाल, इंदौर व ग्वालियर जैसे शहरों में डेढ़ से दो हजार की कैपेसिटी है। हां, मरीजों का लोड ज्यादा है, 10 नए मेडिकल कॉलेज, पीपीपी मोड पर अस्पताल खुलते ही सुविधा भी बढ़ जाएगी।
सवाल- सिमुलेटर पर सर्जरी की प्रैक्टिस, गर्भ संस्कार जैसे नवाचार की बड़ी चर्चा है ?
जवाब- हां, यह सही है। हम गर्भ संस्कार जैसा नवाचार शुरू कर रहे हैं। नॉलेज शेयरिंग मिशन भी शुरू करेंगे। अमेरिका की एम्ब्री यूनिवर्सिटी से करार भी किया है। सिमुलेटर लैब पर भी जोर-शोर से काम चल रहा है।
सवाल- अस्पताल में जानकारी के अभाव में कई बार मरीज भटकते रहते हैं?
जवाब- अस्पतालों में हम डेडिकेटेड मेडिकल कॉरिडोर बना रहे हैं। नोटिस बोर्ड तो रहेंगे, साथ ही ‘मरीज मित्र’ भी तैनात करेंगे। इसमें एनजीओं की सेवाएं लेंगे। अस्पताल प्रबंधन और मरीज के बीच ये वैतनिक वालंटियर सेतु का काम करेंगे।
सवाल- भोपाल में बीएमएचआरसी जैसा भव्य अस्पताल बदहाल हो गया उसके पुनर्रुद्धार का कोई प्लान?
जवाब- बीएमएचआरसी पर ज्यादा नहीं बोलूंगा, लेकिन वह जल्दी ही पीजी इंस्टीट्यूट बनेगा।
सवाल- नरेला में नालियां, सड़कें, आरओबी और पानी भराव से निजात दिलाने के बाद और कोई नया प्रोजेक्ट?
जवाब- प्रसिद्ध खेड़ापति हनुमान मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना है। वहां का मैदान भी मंदिर परिसर में शामिल करेंगे।
सवाल- आगामी चुनाव में एंटी इनकम्बेंसी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कितना चुनौतीपूर्ण मानते हैं?
जवाब- देखिए, सरकार की योजनाएं, विकास के काम-काज, जनता से जीवंत और भावनात्मक संबंधों पर हमें भरोसा है। प्रदेश में आप की कोई जमीन ही नहीं। जनसमर्थन भाजपा के साथ है। सरकार भाजपा की ही बनेगी।