दो दिन बाद थमी बारिश
इंदौर। पिछले दो दिनों से शहर में तेज बारिश का दौर था। इससे सम्पूर्ण शहर में हालत भयावह हो गए थे। जलजमाव, पेड़ और दीवार गिरने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी। रविवार को मौसम ने राहत दी। दिनभर रुक-रुककर जारी रही रिमझिम बारिश से अस्त-व्यस्त जनजीवन फिर सामान्य होने लगा। निगम का अमला जलजमाव वाले क्षेत्रों में लगातार पानी निकासी में लगा रहा। कई क्षेत्रों में पानी की निकासी कर दी गई तो कुछ निचली बस्तियों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे आवाजाही में परेशानी आ रही है। इन बस्तियों में निगम ने चेम्बरों की सफाई के साथ अन्य कार्य करना शुरू कर दिए हैं।
सितम्बर माह में गर्मी से लोग आहत थे। वे बारिश का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच 15 सितम्बर की शाम 4 बजे तेज बारिश का दौर शुरू हुआ, जो 16 सितम्बर की अलसुबह तक जारी रहा। करीब 30 घंटे में 12 इंच के आसपास बारिश होने का आंकड़ा दर्ज हुआ। इतनी अधिक बारिश होने से कई बस्तियों में घुटने-घुटने तक जलजमाव हो गए। यही नहीं, पॉश कॉलोनियों व प्रमुख मार्गों पर भी पानी भरा रहा। पानी निकासी को लेकर माकूल इंतजाम नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हुई।
घरों को लौटे अधिकारी
तेज बारिश से जलजमाव की सूचना मिलने पर कलेक्टर इलैया राजा, निगमायुक्त हर्षिकासिंह, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मैदान संभाला। वायरलैस सेट पर अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, अपर आयुक्त, उपायुक्त सहित 200 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को बुलाया। बैठक लेकर अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई। अधिकारियों ने 15 सितंबर की रात 8 बजे से 16 सितंबह अलसुबह 4 बजे तक ड्यूटी की। रविवार को बारिश कम होने से वे अपने घरों को लौट गए।
बनेगी नई कार्ययोजना
बारिश में दोबारा ऐसे हालात निर्मित न हो सके, इसके लिए अगले कुछ दिनों में नई कार्ययोजना बनाई जाएगी। जनकार्य समिति के प्रभारी राजेन्द्र राठौर ने बताया कि जहां-जहां जलजमाव की स्थिति बनती है, वहां स्टार्म वाटर लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए वार्ड स्तर पर जानकारी बुलाई जा रही है। मेयर इन कौंसिल की आगामी बैठक में भी इस मुद्दे पर सदस्यों से सहमति ली जाएगी।
पेड़ हटाकर रास्ता किया आसान
तेज हवा के साथ झमाझम बारिश से 135 स्थानों पर पेड़ गिर गए, जिससे मार्ग पर आवाजाही प्रभावित हुई। निगम के उद्यान विभाग ने 132 स्थानों से पेड़ हटाकर रास्ता सुगम किया। सबसे अधिक परेशानी चिड़ियाघर के सामने हुई। यहां पेड़ गिरने से नवलखा से एमवाय तरफ आने वाले वाहन चालकों को परिवर्तित मार्ग का सहारा लेना पड़ा।
सड़कों का पैचवर्क उखड़ा- बारिश शुरू होने से पहले निगम लाखों रुपए खर्च कर सड़कों का पैचवर्क कराता है। दो दिन हुई बारिश ने निगम के पैचवर्क की गुणवत्ता की पोल खोल दी। कई जगहों पर पैचवर्क उखड़ने से गड्ढे उभर आए हैं।