बजट में जनता की कोई रुचि नहीं रहती थी, अब सुझाव भी आ रहे हैं :संभागायुक्त

बजट में जनता की कोई रुचि नहीं रहती थी, अब सुझाव भी आ रहे हैं :संभागायुक्त

ग्वालियर। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के तत्वावधान में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 एवं राज्य का बजट वर्ष 2023-24 पर संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि ग्वालियर संभागायुक्त दीपक सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बजट के लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। पहले बजट पर जनता की कोई रुचि नहीं रहती थी।जनता को लगता था कि हमारा इसमें कुछ नहीं है। पहले यह जरूर पूछा जाता था कि बजट में हमें क्या मिला? इसलिए बजट बनाने में जनता की राय भी जरूरी है।अब जनता के सुझाव भी मिल रहे हैं।म.प्र.ऐसा राज्य है जिसने नवीन शिक्षा नीति को लागू किया है।

महिला सशक्तिकरण व पर्यटन पर जोर दिया है।आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि सही दिशा में प्रदेश आगे बढ़ रहा है। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह ने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी एवं समर्थ बनाने में लाड़ली लक्ष्मी योजना मील का पत्थर साबित होगी।जेयू के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने कहा कि शिक्षा एक अनवरत प्रक्रिया है विवि स्तर, महाविद्यालय स्तर पर परिवर्तन लाना है तो स्कूल स्तर पर प्रयास करना होगा। इसके लिए सीएम राइज स्कूल खोले गए हैं इसका प्रभाव धीरे धीरे आएगा।मध्यप्रदेश में कभी 3 से 4 प्रतिशत से ग्रोथ रेट नहीं बढ़ती थी।

2003 में केवल 71 करोड़ के आसपास सकल घरेलू उत्पाद होता था। 2021-2022का सकल घरेलू उत्पाद में 18 गुना वृद्धि हुई है। कोविड-19 कठिनाइयों के बाद भी राजस्व का रेवेन्यू 7.94 की दर से बढ़ा है।आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर मध्यप्रदेश की तस्वीर दिखाई देती है। कृषि, ग्रामीण विकास,उद्योग, सामाजिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समेत अनेक क्षेत्रों में म.प्र. ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

संभाग स्तरीय कार्यक्रम में विशेषज्ञों की कार्यशाला हुई।जिसमें दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन व आभार व्यक्त अंशुल पुरिया ने किया। इस अवसर पर संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह , कुलपति जेयू प्रो.अविनाश तिवारी, प्रीति उपाध्याय, दुर्गेश कुंवर सिंह , डॉ.एसके द्विवेदी इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों के विषय विशेषज्ञ, औद्योगिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि,संभागीय प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल हुए। समाज के विभिन्न वर्गों, लाभार्थियों, हितधारकों से सीधे संवाद स्थापित करने और आर्थिक सर्वेक्षण एवं बजट से राज्य सरकार की योजनाओं और उनके संभावित लाभों की जानकारी देने के लिए संवाद किया गया।